द लीडर : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की मॉकड्रिल के दौरान 22 मौत का मामला सुर्खियों में आने के बाद चारों ओर हड़कंप मचा हुआ है. अस्पताल में 26 अप्रैल को सुबह ऑक्सीजन बंद कर मॉकड्रिल की गई थी.
हॉस्पिटल संचालक के उन भयावह पलों को बयान करते छह मिनट के चार वीडियो वायरल हो रहे है. इसके बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा. जिस पर अब सियासत शुरू हो गई है.
इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा- भाजपा शासन में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की भारी कमी है. इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.
भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है।
इस ख़तरनाक अपराध के ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए।दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ। pic.twitter.com/CYoBB0mJWe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 8, 2021
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूछा- जिम्मेदार कौन ?
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र और प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने जो ट्वीट किया है, उसके अनुसार पीएम कहते हैं कि ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। सीएम ने कहा ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।
मंत्री ने कहा कि मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें। प्रियंका गांधी ने आगरा के अस्पताल का जिक्र करते हुए आगे लिखा, ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की। उन्होंने पूछा- जिम्मेदार कौन ?
PM: “मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी”
CM: "ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।"
मंत्री: “मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।”
आगरा अस्पताल: "ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की।"
ज़िम्मेदार कौन? pic.twitter.com/DbiqtILE27
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2021
प्रशासन से शासन तक मचा हड़कंप
पारस अस्पताल का मामला अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद जिला प्रशासन से लेकर शासन तक इस मामले में हड़कंप मचा है। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है। आगरा की महफूज बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिख आरोपित चिकित्सक के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है।
बता दें कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जब दूसरी लहर चरम पर थी। आगरा के अस्पतालों में ऑक्सीजन कमी हो गई थी। उसी दौरान 26 अप्रैल को श्री पारस हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे। ऑक्सीजन कमी के कारण मरीजों की छटनी के लिए हॉस्पिटल संचालक ने कथित मॉकड्रिल की। आरोप है कि पांच मिनट की मॉकड्रिल के बाद 22 मरीजों की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन का दावा है कि अस्पताल में उस दिन चार संक्रमितों की मौत हुई थी। अब इस मामले में विपक्ष भाजपा सरकार को घेरने में जुट गया है।