कांग्रेस का मन बदला, यूपी चुनाव में गठबंधन को तैयार हैं प्रियंका गांधी

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द लीडर हिंदी, लखनऊ | लखनऊ दौरे पर प्रियंका गांधी ने चुनाव में गठबंधन पर कहा कि मैं क्लोज़ मांईडेड नहीं हूं. वे बोलीं ‘वी आर ओपन मांइडेड’. प्रियंका गांधी ने नाश्ते पर पत्रकारों से बातचीत में अपने मन की बात कही.

कहने के लिए तो पत्रकारों के साथ ये मुलाक़ात ऑफ द रिकार्ड था. लेकिन फिर प्रियंका ने कहा आप इसे लिख सकते हैं. बस यहीं से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.

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अब तक तो पार्टी की तरफ़ से यही कहा जा रहा था कि कांग्रेस चुनाव अकेले लड़ेगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू तो कल तक यही रिकार्ड बजा रहे थे. लेकिन कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका के ताज़ा बयान से बात आगे बढ़ गई है.

तीन दिनों के दौरे के बाद ही प्रियंका को एहसास हो गया है कि अगले लड़ना घाटे का सौदा हो सकता है. वैसे भी इस बार पार्टी की जीत हो या फिर हार ठीकरा तो उन पर ही फूटना तय है.

प्रियंका गांधी ने एक दिन पत्रकारों के संग ब्रेकफास्ट किया. ये मुलाक़ात बीएसपी छोड़ कर कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी के घर पर हुई.

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तो पार्टी के सीनियर लीडर प्रमोद तिवारी के घर डिनर पर पत्रकारों से प्रियंका मिलीं. इसी मुलाक़ात में उन्होंने पूछा कांग्रेस को चुनाव में कितनी सीटें मिलेंगी? तो जवाब मिला खाता खुलना भी मुश्किल है. इस पर बगल में खड़े अजय लल्लू ने कहा हम तो 365 सीटें जीतने लायक़ हैं.

पत्रकारों ने कहा ऐसा हो ही नहीं सकता है. फिर प्रियंका ने मुस्कुराते हुए कहा कि हमें तो पार्टी के लोग यही बताते रहते हैं कि हम बहुत अच्छे हालात में हैं.

दो दिनों तक पार्टी के हर तरह के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात के बाद प्रियंका को यूपी में पार्टी की ज़मीनी सच्चाई के बारे में पता चल गया है. इसीलिए अब उनका मन गठबंधन की तरफ़ बढ़ चला है. वैसे इसका अनुभव अच्छा नहीं रहा है.

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2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में चुनावी समझौता हुआ था. तब अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे. लेकिन ये गठबंधन फेल रहा. कांग्रेस दहाईं का आँकड़ा भी पार नहीं कर पाई और उधर समाजवादी पार्टी 48 पर सिमट गई.

पहले कांग्रेस और फिर बीएसपी से गठबंधन करने के बाद अखिलेश यादव ने एक भीष्म प्रतिज्ञा कर ली है. उन्होंने किसी भी बड़ी पार्टी से चुनावी गठबंधन न करने का फ़ैसला किया है. इस बार उन्होंने छोटी पार्टियों के साथ तालमेल करने की तैयारी की है.

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आरएलडी, महान दल और राष्ट्रीय जनवादी पार्टी से सीटों के तालमेल पर बातचीत जारी है. प्रियंका गांधी के लिए यूपी चुनाव का रास्ता दुधारी तलवार पर चलने जैसा है. राज्य में पार्टी के पास अपना बेस वोट बैंक नहीं है.

पार्टी के अंदर भी झगड़ा चरम पर है. कांग्रेस के कुछ बड़े नेता दूसरी पार्टियों में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. प्रियंका ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी पुराने नेताओं को जोड़ा जायेगा.

जोश और अनुभव का तालमेल बनाया जायेगा. प्रियंका ने बताया कि अगले महीने से यूपी के गांव गलियों का दौरा शुरू करेंगी. किसान, नौजवान, बेरोज़गार और गरीब महिलाओं के लिए कांग्रेस काम करेगी. यूपी का चुनाव प्रियंका के लिए पहली परीक्षा होगी. इससे उनका राजनैतिक भविष्य भी जुड़ा है.

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