द लीडर देहरादून।
आखिर तीन दिन में कई दौर के मंथन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंत्रियों को विभाग बाँट दिए हैं। खुद 14 प्रमुख महकमे उन्होंने अपने पास रखे हैं जबकि त्रिवेंद्र राज में 50 से अधिक विभाग मुख्यमंत्री खुद देख रहे थे। पुराने मंत्रियों को नहीं छेड़ा गया है। उनके नाम के आगे उनके पुुराने विभाग लिखे हैै।
गृह-वित्त-ऊर्जा, पी डब्ल्यू डी, तकनीकी शिक्षा, राजस्व-चिकित्सा शिक्षा-आबकारी-सूचना जैसे बड़े और अहम महकमे भी खुद ही देखेेगे।
नए मंत्रियों में बीजेपी के अध्यक्ष की कुर्सी से हाल ही में आए बंशीधर भगत को पार्टी अध्यक्ष बन चुके मदन कौशिक का शहरी-विकास तथा आवास विभाग दे कर उनका कद बढ़ाया गया। त्रिवेन्द्र सरकार के मंत्रियों को कुछ अतिरिक्त या फिर नए सिरे से बेहतर महकमे मिलने की उम्मीद थी, तो उनको निराशा हुई होगी।
नए मंत्रियों में बिशन सिंह चुफाल को पेयजल के साथ ग्रामीण निर्माण-जनगणना, गणेश जोशी को सैनिक कल्याण और औद्योगिक विकास, खाड़ी, लघु-माध्यम-सूक्ष्म मंत्रालय दिया गया है। नए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वामी यतीश्वरानंद को गन्ना विकास-चीनी, भाषा-पुनर्गठन मंत्रालय दिया गया है। सतपाल महाराज,डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल, राज्यमंत्री (सभी स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य को भी वही महकमे मिले, जो पिछली सरकार में संभाल रहे थे।
सूची से स्पष्ट है भविष्य में विभागों में एक और फेरबदल संभव है । ऐसा लगता है कि पुराने मंत्रियों की अपेक्षाओं के कारण ही मामला लटका रहा और आखिर में उन्हें न छेड़ने पर ही सहमति बनी।