अतीक खान
डॉ. रामनोहर लोहिया, जिन्होंने संसद को खबरदार बनाए रखने के लिए जनता को सड़क का रास्ता दिखाया था. उनकी जयंती के रोज वो सड़क पुलिस की जबरदस्त पहरेदारी में कैद नजर आई. गुजरात में दलित आरटीआइ एक्टिविस्ट अमराभाई बोरिचा की पीटकर हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दूसरी तरफ बिहार में रोजगार-कानून व्यवस्था के मुद्दों को लेकर विधानसभा का घेराव करने निकलने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेताओं पर पर पुलिस ने बेरहमी से लाठियां बरसाईं. और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप के साथ दूसरे नेताओं को हिरासत में ले लिया. (Police Gujarat Bihar Road Ram Manohar Lohia)
लोकतंत्र में बहुमत की सरकार का अर्थ है कि संसद-विधानसभा में सत्तापक्ष ताकतवर होगा. दूसरी तरह से कहें तो किसी भी हालत में विपक्ष, सत्तापक्ष जितना असरदार नहीं हो सकता. इसलिए सदन के बाद विपक्ष के लिए सड़क ही एक जगह बचती है. जैसा कि लोहिया का कथन है-सड़कें खामोश हो जाएंगी तो संसद आवारा हो जाएगी. लेकिन अब विपक्ष के लिए सड़क भी तंग नजर आती है.
नीली शर्ट पहना शख़्स पटना का DM है जो माननीय विधायक को धक्का दे रहा है। दो माननीय विधायकों को घसीटा जा रहा है और प्रशासन का अधिकारी जूते से विधायक को लात मार रहा है।
लोहिया जयंती पर नीतीश कुमार यह कुकर्म करवा रहे है। सड़क और सदन कहीं कोई सुरक्षित नहीं। #नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/LjphMICJId
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
बिहार की बात करें तो मुख्यमंत्री नितीश कुमार, जो जेपी आंदोलन की उपज हैं और उन्होंने समाजवादी नेता के तौर पर अपनी छवि बनाई. लेकिन एक समाजवादी मुख्यमंत्री के रूप में नितीश कुमार से, लोहिया जयंती के दिन विपक्ष पर लाठियां भंजवाने की कल्पना शायद ही किसी ने की हो. जैसा कि तेजस्वी यादव ने सीधे उनके इशारे पर पुलिस कार्रवाई का आरोप लगाया है.
सदन के अंदर माननीय विधायकों पर डंडे
बाहर सड़क पर बेरोजगारों युवाओं पर डंडेनीतीश कुमार थर्ड ग्रेड पार्टी का थर्ड ग्रेड नेता बनने के बाद मानसिक दिवालियेपन के शिकार हो गए है। #नीतीशकुमार_शर्म_करो
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
बिहार में नितीश-भाजपा गठनबंधन की सरकार है. आरजेडी विपक्ष में है. इसके नेता तेजस्वी यादव कानून व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर सरकार की नाक में दम किए हुए हैं. शराब तस्करी में घिरे नितीश सरकार के एक मंत्री के भाई के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को तेजस्वी ने बड़े मुद्दे के तौर पर भुनाया. विपक्ष के हमलों पर नितीश कुमार खीझते हैं. विधानसभा से भी उनके ऐसे वीडियो बाहर आए हैं.
पटना : आरजेडी के आंदोलन पर लाठीचार्ज, कई नेता घायल-तेजस्वी बोले मुझे मारने की हुई कोशिश
लेकिन उनकी सरकार विपक्ष के प्रति इस हद तक जा सकती है, ये थोड़ा अचंभे जैसा है. पटना में हुई लाठीचार्ज में आरजेडी के कई नेता घायल हुए हैं. कईयों के सिर फटे हैं, जो अस्पताल में भर्ती हैं. कम से कम नितीश सरकार को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों की शहादत औश्र समाजवादी नेता क्रांतिकारी लोहिया की जयंती पर इस बर्ताव से बचना चाहिए था. जिसके लिए भारत के ये वीर सपूत अंग्रेजी सत्ता से टकराते रहे.
विपक्ष के विधायकों को लात, घूसे, डंडों से पीटा जा रहा है!
क्या धरना और नारेबाजी पर यह गुंडागर्दी होगी?
पुलिस को निरकुंश बनाने की ज़िद और बात बात पर लाठीचार्ज करवाने वाले @NitishKumar सनकी तानाशाह है!
साफ है कि नीतीश पर जो हत्या का केस था वो गलत नहीं हो सकता! 100% सच्चा होगा! pic.twitter.com/8senonlXky
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 23, 2021
दूसरी घटना गुजरात है. अमराभाई बोरिचा, एक आरटीआइ एक्टिविस्ट थे. पिछले दिनों उनकी पीटकर हत्या कर दी गई थी. जिग्नेश मेवाणी, जोकि निर्दलीय विधायक हैं. उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया. इसके लिए उन्हें दो बार विधानसभा से कुछ समय के लिए निलंबित किया गया था. मंगलवार को जिग्नेश अपने समर्थकों के साथ कार्रवाई की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
1000+ Dalit activists have been detained across Gujarat! Welcome to the illusion called Vibrant Gujarat! #JusticeForAmrabhai https://t.co/hLxbKqCXtG
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) March 23, 2021
ये घटनाएं दर्शाती हैं कि सरकारें बनाने वाली जनता जिस सड़क पर अपने अधिकार का दम भरा करती थी. वो जगह भी लगातार तंग होती जा रही है. विभिन्न आंदोलनों में इसकी झलक दिखाई पड़ जाती है. चाहें तो सीएए-एनआरसी से लेकर किसान आंदोलन तक नजरें दौड़ाकर देख लीजिए. विश्वविद्यालयों में छात्रों के आंदोलन का हश्र याद कर लीजिए. इसमें एकरूपता नजर आएगी.
(ये लेखक के निजी विचार हैं.)