द लीडर।उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतगणना दो मई को होगी, लेकिन इससे पहले इसे स्थगित करने का मांग उठने लगी है। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्मचारी और शिक्षक संगठनों ने मतगणना स्थगित करने की मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं। शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मुख्य निर्वाचन अधिकारी सहित मुख्य सचिव व अन्य उच्चाधिकारियों को मांग पत्र भेजते हुए दो मई को होने वाली मतगणना को फिलहाल स्थगित करने का अनुरोध किया है।
यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राठौर ने बताया है कि संगठन ने पहले ही दिन से कोरोना संक्रमण की स्थिति को भांपकर पंचायत चुनावों को रोकने की मांग की थी लेकिन चुनाव आयोग के कान पर जूं नहीं रेंगी। उसी का परिणाम है कि प्रत्येक चरण के बाद संक्रमण विकराल रूप धारण करता रहा और तमाम परिवार अनाथ हो गए। उन्होंने चुनाव के प्रशिक्षण से लेकर मतदान ड्यूटी के समय से ही बीमार होकर दुनियां से चल बसे शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व अन्य कार्मिकों के आश्रित परिजनों को 50-50 लाख की आर्थिक शासकीय सहायता के साथ ही उन सभी के किसी एक-एक पाल्य को उनकी शैक्षिक योग्यतानुसार अतिरिक्त पद के सापेक्ष उनके विभाग में कनिष्ठ लिपिक पद पर नियुक्ति दिए जाने की मांग की है।
चुनाव ड्यूटी में 135 लोगों की मौत पर हाई कोर्ट सख्त
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के सरकारी तौर तरीकों की तीखी आलोचना की है। राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए अदालत ने पूछा है कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार की गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं किया गया, जिसकी वजह से चुनाव ड्यूटी कर रहे 135 लोगों की मौत की खबर है। साथ ही पूछा कि क्यों न उसके खिलाफ आपराधिक अभियोग चलाया जाए। बचे चुनाव में गाइडलाइंस का पालन का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई तीन मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मामले मे कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
सबसे पहले बनेगी 50-50 मतपत्रों की गड्डी
पंचायत चुनाव में पड़े वोटों की गिनती दो मई को होगी। मतगणना में लगाए गए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आयोग के निर्देशानुसार निष्पक्ष ढंग से मतगणना करवाने के निर्देश दिए जा रहा है। मतगणना में लगाए गए कर्मियों को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से मतगणना करवानी होगी। सबसे पहले मतपेटी की सील चेक करवाने के बाद ही मतपेटी खोली जाएगी। मतगणना करने से पहले सभी मतपत्रों को अलग अलग पद के अनुसार अलग कर 50-50 मतपत्रों की गड्डी बनाई जाएगी। कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि किसी भी तरह की लापरवाही न करें। मतगणना पूरी तरह से निष्पक्ष होनी चाहिए।
मतगणना से पहले कोविड जांच की अफवाह
इंटरनेट मीडिया पर पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान उपस्थित रहने वाले एजेंट को कोविड जांच करवाने को लेकर मैसेज वायरल हो रहे हैं। ऐसे में अब गांव की राजनीति से जुड़ा हर शख्स अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को फोट खटखटाकर कोविड जांच से संबधित आदेश की सच्चाई जानने की कोशिश कर रहा है। हालांकि अधिकारियों ने ऐसे किसी भी आदेश से इनकार किया। कहा जा रहा है अब तक निर्वाचन आयोग अथवा शासन से ऐसा कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है, जिसमें मतदान अभिकर्ताओं को कोविड जांच करवाना व जांच रिपोर्ट साथ में रखना आवश्यक हो।