पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक साक्षात्कार में साफ कह दिया कि वह उइगर मुसलमानों से चीनी सरकार के दुर्व्यवहार और मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा नहीं करेंगे। अमेरिकी समाचार वेबसाइट एक्सियोस के साथ एक साक्षात्कार में इस सवाल पर साफ इनकार कर दिया। इंटरव्यू में बात आगे बढ़ी तो उन्होंने खुद ही कई ऐसे सवाल दाग दिए, जिसमें अमेरिका समेत पश्चिमी देश घेरे में आ गए। इस पर अमेरिकी पत्रकार को चुप्पी साधना पड़ी।
इंटरव्यू करने वाले पत्रकार ने जब इमरान खान से पूछा, उन्होंने उइगर मुद्दे पर चुप रहने का विकल्प क्यों चुना, जबकि वह अक्सर यूरोप और अमेरिका में इस्लामोफोबिया के बारे में मुखर होते हैं, उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि मेरा केवल अपने देश और इसकी सीमा पर होने वाली घटनाओं पर ध्यान केंद्रित है। इस पर पत्रकार ने पलटकर कहा, “यह मामला भी तो आपकी सीमा पर ही है”।
चीन में उइगर मुसलमानों से जुड़े सवाल पर इमरान खान ने इंटरव्यू करने वाले पत्रकार से कहा, मुझे यकीनन नहीं पता कि चीन में क्या होता है। पाकिस्तान और चीन के बीच बातचीत में चीनी सरकार ने उन्हें इस मुद्दे की एक अलग तस्वीर दी है। इस सिलसिले में जो भी उनसे आगे बात होगी, इस पर उनसे बंद दरवाजे के पीछे चर्चा करेंगे।
.@jonathanvswan presses Pakistan Prime Minister Imran Khan on why he’s outspoken against Islamophobia in the West but silent about the genocide of Muslim Uyghurs in western China.
Khan: I concentrate on what is happening on my border.
Swan: This is on your border. #AxiosOnHBO pic.twitter.com/QdLfY1qXGL
— Axios (@axios) June 20, 2021
चीन के शिनजियांग में चीनी अधिकारियों पर दुनियाभर के कई मानवाधिकार समूहों ने शिविरों में एक लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को हिरासत में लेने, प्रताड़ित करने और जबरन नसबंदी करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उन पर मस्जिदों को तोड़ने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं, चीन इन आरोपों से इनकार करता है। चीन का कहना है कि शिविर में धार्मिक चरमपंथ से लड़ने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण सुविधाएं दी गई हैं।
इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा, पाकिस्तान के लिए चीन सबसे कठिन समय में सबसे अच्छे दोस्तों में से एक की तरह हाजिर हुआ है। चीन ऐसे वक्त में बचाने आया है, और वह हकीकत में “जिस तरह से पेश आए हैं”, हम उनकी इज्जत करते हैं।
खान ने कहा, इसी तरह की चीजें फिलिस्तीन, लीबिया, सोमालिया, सीरिया, अफगानिस्तान आदि में भी हुई हैं। फिर उन्होंने इंटरव्यू करने वाले से पूछा, क्या इस बारे में भी बात करना है!
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यहां बता दें, पिछले साल इमरान खान ने एक पत्र लिखकर मुस्लिम राज्यों के नेताओं से पश्चिम में इस्लामोफोबिया के खिलाफ एकजुट होने को कहा था। उन्होंने बीते वक्त में यह भी कहा था कि 9/11 के बाद ‘इस्लामिक आतंकवाद’ शब्द फैशन बन गया और पश्चिम के लोग सोचते हैं कि इस्लाम में कुछ ऐसा है जो आतंकवाद की ओर ले जाता है। उस घटना के बाद से दुनियाभर में 1.3 अरब मुसलमान निशाने पर हैं।