करोड़ों की संपत्ति के खुले पन्ने, अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का मालिक बना सफाईकर्मी

द लीडर हिंदी : महीने में आठ हजार रुपये की कमाई करने वाला सफाईकर्मी अगर करोड़ों का मालिक बन जाए. तो बड़ी हैरत होगी. हम इस बात को सच नहीं मानेगें. लेकिन हकीकत में ऐसा ही हुआ है. जी हां अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का मालिक सफाईकर्मी श्यामजी बन गया.दरअसल श्यामजी सरोज देखते ही देखते आठ करोड़ का मालिक बन गया. उसके नाम पर नैनी, सरायइनायत और फूलपुर में करीब आठ करोड़ की जमीन है. पुलिस की छानबीन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

जानकारी के मुताबीक श्यामजी सरोज के नाम नैनी, फूलपुर व हंडिया तहसील में बेशकीमती जमीनों का बैनामा कराए जाने के सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं. फिलहाल, पांच जमीनों के बारे में पता चला है. पुलिस इन संपत्तियों की जांच में जुट गई है.बता दें एक दिन पहले ही नवाबगंज के करोली निवासी इस सफाईकर्मी श्याम जी सरोज का नाम तब चर्चा में आया, जब उसने माफिया भाइयों के चार करीबियों पर मुकदमा दर्ज कराया. आरोप लगाया कि इन चारों ने अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर कराया. उसे बंधक बनाकर जबरन दस्तखत करवाए गए और दोनों की मौत के बाद उक्त संपत्तियों का बैनामा करने का दबाव भी बनाया गया.

गौरतलब है माफिया अतीक, अशरफ और उनके गैंग आईएस-227 के मेंबरों की नामी-बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कसे जाने का सिलसिला जारी है. माफिया के आर्थिक साम्राज्य पर खाकी का चाबुक चलने लगा तो करोड़ों की बेनामी संपत्तियों को लेकर कई तरह के खेल सामने आने लगे. अतीक के घर के माली हूबलाल के नाम करोड़ों की जमीन के दस्तावेज मिलने के बाद अब अतीक करीबियों के घर सफाई कर्मी रहे श्याम जी सरोज के नाम 8 करोड़ से अधिक की संपत्ति पकड़ में आई है. रजिस्ट्रियां, जमीन के दस्तावेज, बैंक खाते, बाउंस चेक, हलफनामा आदि बरामद होने के बाद पुलिस के भी होश उड़े.

बेनामी संपत्तियों की रजिस्ट्री कई गुर्गों के नाम कराई गई.
आपको बता दें मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. सूत्रों का कहना है कि उसके नाम पर फिलहाल, पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात पता चली। इनमें से तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार व मवैया और दो जमीनें हंडिया व फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं. इनकी मौजूदा बाजार के अनुसार कीमत आठ करोड़ आंकी गई है. खास बात यह है कि तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया. तब वह महज आठ हजार महीने कमाता था. मामले में उसने अपने मालिक, माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान व फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली व शुक्ला जी नाम के एक शख्स को नामजद कराया है.वही जिन भी संपत्तियों से संबंधित जानकारी मिली है, उनके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है

पुलिस की पूछताछ में कई खुलासे
बही श्याम जी सरोज ने पुलिस की पूछताछ में शुक्रवार को अन्य खुलासे भी किए. बताया कि आरोपियों ने उसके नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवा रखा था. साथ ही चेकबुक, एटीएम व पासबुक अपने कब्जे में रखे थे. ब्लैंक चेक पर दस्तखत करा लिए थे. साथ ही समय-समय पर उसके नाम एनआई एक्ट के तहत नोटिस भी भेजते रहते थे. उनका ऐसा करने का मकसद यह था कि अगर वह इधर-उधर भागने की कोशिश करे तो उसे कानूनी शिकंजे में फंसा सके.

पूरा मामला जानें
दरअसल श्याम जी सरोज 15 साल से आरोपियों के घर पर रहकर साफ-सफाई का काम करता था. आरोप है कि इन लोगों ने अतीक अहमद व अशरफ के लिए डरा-धमका कर उसके नाम पर जनपद में कई स्थानों पर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी. इसमें उपरोक्त तीनों के साथ उनका शुक्ला जी नाम का एक साथी भी शामिल था. इस दौरान उसे कई दिनों तक होटल में बंधक बनाकर रखा गया.बंधक बनाने के बाद पीटते थे और उससे जबरन हस्ताक्षर करवाकर दूसरों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाते थे.अतीक, अशरफ की मौत के बाद भी बेनामी संपत्ति न बेचने पर उसे बंधक बनाकर पीटा गया था.

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Abhinav Rastogi

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