द लीडर हिंदी, अयोध्या। यूपी चुनाव होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. राजनीति चरम पर है. चुनाव से पहले सभी पार्टियां जनता को रिझाने के लिए जोरशोर से कोशिश कर रही हैं. बीजेपी, सपा, बसपा या फिर एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी वोटों को साधने के लिए सम्मेलन करके दिलों में उतरने की कोशिश कर रहे है. उनका अयोध्या में सात सितंबर को शोषित वंचित समाज का सम्मेलन होना है. इसे लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं.
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चस्पा पोस्टरों में अयोध्या की जगह लिखा फैजाबाद
औवेसी के सम्मेलन के प्रचार प्रसार के लिए चस्पा किए गए पोस्टर में अयोध्या जिले की जगह फैजाबाद लिखा गया है, जिसे लेकर अयोध्या के संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. इसके साथ ही इसे अयोध्या वासियों का अपमान माना है. संतों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि, पोस्टर से फैजाबाद हटाकर अयोध्या लिखवाया जाए नहीं तो संत समाज सम्मेलन का विरोध करेगा.
शोषित वंचित समाज सम्मेलन का विरोध
दूसरी तरफ मुस्लिम समाज की तरफ से भी शोषित वंचित समाज सम्मेलन का विरोध किया जा रहा है. कभी बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने मुखर होकर असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या दौरे का विरोध किया है. इकबाल अंसारी ने भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वो ओवैसी के भड़कावे में ना आएं. मतलब साफ है कि अयोध्या में अपने सम्मेलन से पहले ही औवेसी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
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ओवैसी साहब से लोग होशियार रहें
इकबाल अंसारी ने कहा कि जितने भी नेता हैं सभी लोग अयोध्या से 2022 के चुनाव का बिगुल फूंक रहे हैं. असदुद्दीन ओवैसी भी अयोध्या आ रहे हैं. अयोध्या में ओवैसी की जरूरत नहीं है. अकेले मुस्लिमों की राजनीति करना ठीक नहीं है. उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि ओवैसी साहब से लोग होशियार रहें. उनका काम प्रदेश में राजनीति कर मुसलमानों को धोखा देना है. इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में ओवैसी की तरफ से सम्मेलन किया जाना अच्छी बात नहीं है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर ओवैसी को राजनीति करनी है तो वो हैदराबाद में करें. सभी धर्म के लोग अयोध्या आते हैं. अयोध्या धर्म की नगरी है. ओवैसी का अयोध्या आकर चुनावी बिगुल फूंकना राजनीतिक विषय है. आरोप लगाया कि हिंदू और मुसलमान की राजनीति ओवैसी के अलावा कोई नहीं करता है.
औवेसी को पंसद नहीं आई अयोध्या…
असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या में प्रस्तावित सम्मेलन पर फैजाबाद लिखे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि उनको अयोध्या पसंद नहीं आई इसलिए उन्होंने फैजाबाद लिखा है. पूरी दुनिया के लोग अयोध्या के नाम से अयोध्या को जानते हैं. अयोध्या धर्म की नगरी है. ओवैसी ने पहला गलत काम कर दिया कि अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखवाया. सारे धर्म और सभी जाति के लोग जिले को अयोध्या लिखते हैं. ओवैसी को अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखने की जरूरत नहीं थी. अयोध्या पवित्र नगरी है, धर्म की नगरी है. ओवैसी ने जो पोस्टर छपवाया है वो बिल्कुल गलत है, हम चाहते हैं कि फैजाबाद लिखे हुए पोस्टरों को हटाया जाए.
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100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी औवेसी की पार्टी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 2022 के यूपी विधान सभा चुनाव सम्मेलनों की शुरुआत 7 सितंबर से राम की नगरी अयोध्या से करने का फैसला किया है. ओवैसी इस दिन अयोध्या के रुदौली में एक सभा को संबोधित करेंगे, जिसमें मुसलमानों, दलितों, पिछड़ों और अन्य वर्गों के लोगों को बुलाया गया है. इसके साथ ही 8 सितंबर को ओवैसी इसी तरह की सभाओं को सुल्तानपुर और बाराबंकी में संबोधित करेंगे. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि यह समुदाय एक विकल्प की तलाश में हैं और एआईएमआईएम वंचित समुदायों की आशा और आवाज के रूप में उभरा है. एआईएमआईएम लोगों से 2022 के विधानसभा चुनाव में काम करने वाली सरकार बनाने के लिए इसका समर्थन करने का आह्वान करेगी. जान लें कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधान सभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.