सिगरेट का एक कातिल कश… हर सकेंड में जानिए कितनों की लेता है जान

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द लीडर हिंदी : एक स्वस्थ शरीर किसको पसंद नहीं होता. सभी चुस्त दुरूस्त दिखना चाहते है. शरीर को सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिये लोग योगा,और व्याम की तरफ रूख करते है. जिम जाते है. इसके बावजूद वो एक छोटी सी लत के आगे गुठने टेक देते है. जो उनके पूरे बने बनाए शरीर को नष्ट कर देती है.और वो है तंबाकू और सिगरेट. तंबाकू एक महामारी की तरह है.

तंबाकू के सेवन से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. इनमें 13 लाख लोग ऐसे भी शामिल होते हैं, जिन्होंने तंबाकू का सेवन तो नहीं किया मगर वे ऐसे लोगों के जरिए धुएं संपर्क में आते हैं. सिगार, सिगरेट या बीड़ी पीकर किसी भी तरह से तंबाकू का सेवन करना हानिकारक है.

सिगरेट पीकर धुंआ उड़ाना दुनिया में सबसे ज्यादा आम है. लेकिन अब सिगरेट का यह कातिल कश और भी ज्यादा कातिलाना हानिकारक होता जा रहा है. दुनिया में 130 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. एक आंकड़े की मानें तो इसके इस्तेमाल से हर दिन लगभग 3699 लोगों की मौत हो जाती है. यानी हर 24 सेकंड में 1 मौत, हर दो मिनट में 5, हर घंटे 154 ये आंकड़े वाकई डरानेवाले हैं.

गौरतलब है कि तंबाकू का सेवन एक भयानक मौत लेकर आता है. इसके सेवन से केवल मुंह का कैंसर ही नहीं बल्कि हार्टअटैक, फेफड़ों का सड़ना, डायबिटीज जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. जिनसे बाहर निकलना बहुत मुशि्कल हो जाता है.वही हिंदुस्थान में लगभग 27 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं.

हालांकि, दुनियाभर में तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों के प्रतिशत में गिरावट देखी गई है. लेकिन हिंदुस्थान में खतरा अभी भी बना हुआ है. डब्ल्यूएचओ के मुताबीक, साल 2000 में 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के 32 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन कर रहे थे.

20 साल बाद 2020 में ये आंकड़ा घटकर 20 फीसदी रह गया. तंबाकू सेवन से समय से पहले इंसान की मौत का खतरा तो होता ही है. साथ ही धूम्रपान से आर्थिक बोझ बढ़ता है. सिगरेट, बीड़ी, गुटखा इन सब पर होने वाला खर्च धीरे-धीरे जेब खाली कर देता है. गरीब परिवारों के लिए तो यह गरीबी का एक और कारण बन जाता है। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के इलाज पर खर्च भी परिवार पर अतिरिक्त बोझ डालता है.

युवा कूल दिखने के लिये लगाते है खतरनाक कश, सिंबॉल बन रही सिगरेट
आज कल युवाओं के बीच सिगरेट का चलन एक स्टेटस सिंबॉल बनता जा रहा है. यही वजह है कि युवक एक-दूसरे की देखादेखी में सिगरेट पीने लगते हैं.इसके अलावा एक सर्वे की मानें तो जीवन में परेशानियां, तनाव और असफलताएं अक्सर युवाओं को बड़ी तादाद में को तंबाकू की तरफ धकेलती हैं.

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की परेशानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. अपने स्ट्रेस को दूर करने के लिये युवा सिगरेट का कश लगाने को मजबूर हो जाते है. और फिर धीरे-धीरे वो सिगरेट के नशे में चूर हो जाते है. जिसका रिजल्ट बहुत भयानक निकलता है. यह सब मायाजाल है.

तंबाकू न तो समस्याओं का समाधान करता है, न ही मानसिक पीड़ा खत्म करता है. बता दें कि तंबाकू में निकोटीन नाम का एक नशीला रसायन पाया जाता है. निकोटीन दिमाग में डोपामाइन का स्तर बढ़ाता है, जिससे कुछ समय के लिए सुख का अनुभव होता है। यही वह क्षणभंगुर आनंद है, जिसके लिए लोग बार-बार तंबाकू की ओर खिंचे चले आते हैं.

130 नहीं छोड़ पा रहे तंबाकू का सेवन
बता दें 130 करोड़ लोगों में तंबाकू की लत जिसकी जहरीली जड़ें इतनी गहराई तक समा चुकी हैं कि इसे छोड़ना या छुड़ाना किसी युद्ध से कम नहीं. लेकिन आखिर क्यों लोग नुकसान के बारे में जानते हुए भी लगातार तंबाकू का सेवन करते रहते हैं? दरअसल तंबाकू की लत एक जाल की तरह है जो शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से लोगों को जकड़ लेती है.