द लीडर हिंदी, नई दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार को लोक सभा में रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya) के अवैध गतिविधियों में शामिल होने को लेकर पूछे सवाल का जवाब दिया. मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए हैं और अवैध प्रवासियों की त्वरित पहचान करने का आदेश दिए हैं. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने लोक सभा में लिखित जवाब बताया कि अभी राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी (NRC) लागू करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.
केंद्र ने राज्यों को दिए ये निर्देश
गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया, ‘राज्यों को अवैध प्रवासियों की शीघ्र पहचान के लिए कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. इसके अलावा कानून के प्रावधानों के अनुसार, निर्दिष्ट स्थानों पर उनके प्रतिबंध, उनके बायोमैट्रिक विवरणों की पहचान, नकली भारतीय दस्तावेजों को रद्द करने और कानून के प्रावधानों के अनुसार निर्वासन कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.’
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मार्च में जारी किए गए थे आदेश
30 मार्च 2021 को विदेशी नागरिकों के अधिक प्रवास और अवैध प्रवास के मुद्दे से निपटने के लिए समेकित निर्देश जारी किए गए थे. पहली बार गृह मंत्रालय (MHA) ने उल्लेख किया है कि अधिकारी नकली भारतीय दस्तावेजों को रद्द करने और कानून के प्रावधानों के अनुसार निर्वासन कार्यवाही शुरू करने सहित कानूनी कार्यवाही करने के लिए उनके जीवनी और बायोमैट्रिक विवरणों को कैप्चर कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर NRC पर फैसला नहीं
इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी (NRC) को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. लोक सभा में सांसद रक्षा निखिल खड़से ने पूछा कि क्या सरकार ने अनसूचित जनजनजातियों का अधिकृत डेटाबेस तैयार करने के लिए अलग से एनआरसी करवाने का प्रस्ताव रखा है. इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अब तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी करवाने का कोई निर्णय नहीं लिया है.
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