द लीडर | मदरसों को लेकर उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है। ताजा जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार अब किसी भी नए मदरसे को अनुदान नहीं देगी। मदरसे को अनुदान नहीं देने के फैसले पर मंगलवार 17 मई को योगी सरकार ने महुर लगा दी है। दरअसल, यह निर्णय मंगलवार 17 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर लिया गया है।
अब किसी नए मदरसे को अनुदान नहीं देगी सरकार pic.twitter.com/WYbr7Arc1j
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) May 18, 2022
अखिलेश सरकार ने 100 मदरसों को अनुदान दिया
समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने साल 2003 तक के आलिया स्तर तक के 146 मदरसों में से सौ को अनुदान दिया जा रहा था। हालांकि साल 2017 में आई योगी सरकार ने जब जांच की तो कई मदरसे मानक पर खरे नहीं उतरे जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया। इससे पहले बीते महीने योगी आदित्यनाथ सरकार ने आधुनिक मदरसा योजना के तहत राज्य में मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे।
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मदरसों की संख्या करीब 560
यूपी में मदरसों में अप्रैल के महीने में राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य किया गया था। अनुदान प्राप्त या गैर अनुदानित मदरसों में शिक्षकों और छात्रों के लिए इसे अनिवार्य किया गया था इस समय प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या 16 हजार से अधिक है,जिसमें 560 को अनुदान मिलता है। 146 नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था। जिसे लेकर कुछ मदरसों ने आपत्ति भी जताई थी।
शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का हुआ था फैसला
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने का फैसला लिया था ताकि उन्हें शिक्षण के ऑनलाइन मोड में कुशल बनाया जा सके। उत्तर प्रदेश में मदरसा आधुनिकीकरण योजना से जुड़े 7,000 से ज्यादा मदरसे हैं।
भारत सरकार स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग मदरसों, अल्पसंख्यकों (एसपीईएमएम) को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए अम्ब्रेला स्कीम लागू कर रही है, जो दो योजनाओं से मिलकर बनी है — मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीक्यूईएम) और अल्पसंख्यक संस्थानों के बुनियादी ढांचे के विकास की योजना (आईडीएमआई). स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अनुसार, मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीक्यूईएम) मदरसों में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास है.