The Leader. फ़ायरब्रांड नेता की छवि वाले डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया में पुराने तेवर के साथ नया कलेवर दिखाई, तब जब वो यूपी के ज़िला बरेली आए थे. यहां उन्होंने असरदार कहे जाने वाले हिंदू समाज के लोगों के साथ मीटिंग की. वो उत्तराखंड में इसी तरह की मीटिंग करके आए थे. इस मौक़े पर मीडिया से भी बात की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से लेकर कश्मीर के मुद्दे पर उनसे सवाल हुए और उनका उन्होंने जवाब भी दिया लेकिन कुछ मुस्लिम मरकज़ (केंद्रों) पर प्रतिबंध की मांग उठाकर नई बहस भी छेड़ गए हैं. यह इस वजह से अहम है कि बरेली भी दुनियाभर के बरलेवी मसलक (विचारधारा) वाले मुसलमानों का मरकज़ है. यहां आला हज़रत की दरगाह है. इसी वजह से बरेली को आला हज़रत की नगरी कहा जाता है.
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प्रवीण तोगड़िया अब विश्व हिंदू परिषद का हिस्सा नहीं हैं. वो अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष हैं. इसी हैसियत से उत्तराखंड में बैठक के बाद बरेली आए थे. उनके तेवर वही पुराने वाले हैं लेकिन आज थोड़ा संभलकर बोलते दिखे. मसलन जब मीडिया से रूबरू हुए और उनसे पीएम नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर सवाल हुआ तो जवाब लचीला मिला लेकिन बात जब कश्मीर की हुई तो तीखा बोले. टारगेट किलिंग को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए. कहा कि यह चिंता की बात है. इसलिए टारगेट किलिंग कश्मीर से आगे रजौरी तक पहुंच गई है. यह सरकार की नाकामी का सुबूत है.
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बातों-बातों में ही प्रवीण भाई तोगड़िया आला हज़रत की नगरी कहे जाने वाले बरेली से दिल्ली में निज़ामुद्दीन स्थित तब्लीग़ी जमात के मरकज़, सहारनपुर में दारुल उलूम देवबंद, दावत-ए-इस्लामी, अहले हदीस, पापुलर फ्रंट और जमात-ए-इस्लामी पर पाबंदी की मांग उठा गए. यह कहते हुए कि सऊदी अरब हुकूमत ने मक्का और मदीना में दावत-ए-इस्लामी को बैन कर रखा है. यहां भी ऐसा करने में देर नहीं करना चाहिए.
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