नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र, उनकी पत्नी महाकुंभ में हिस्सा लेने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित

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नेपाल | नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह और उनकी पत्नी तथा पूर्व महारानी कोमल शाह हरिद्वार में महाकुंभ में हिस्सा लेने के बाद भारत से लौटने पर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार तिहत्तर वर्षीय पूर्व नरेश और 70 वर्षीय पूर्व महारानी हाल में ही भारत से लौटे हैं. उन्होंने हरिद्वार में हर की पौड़ी में महाकुंभ के दौरान पवित्र स्नान किया था.

उनके नमूनों की पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) जांच की गई, जिसमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई. रिपोर्ट के अनुसार, स्वदेश लौटने पर काठमांडू हवाई अड्डे पर पूर्व नरेश तथा पूर्व महारानी का स्वागत करने के लिये सैकड़ों लोग जुटे थे. अधिकारियों ने दंपति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया है, ताकि उनकी जांच की जा सके.

ज्ञानेंद्र 2001 में उनके बड़े भाई बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव और उनके परिवार के सदस्यों का शाही महल में नरसंहार होने के बाद नेपाल नरेश बने थे. जांच में नरसंहार का दोषी बीरेंद्र के पुत्र दीपेंद्र को ठहराया गया था। वह भी मृतकों में शामिल था. शाह को विद्रोह होने के बाद 2008 में गद्दी छोड़नी पड़ी थी और सदियों पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया गया था. उसके बाद संविधान सभा ने देश को गणतंत्र में तब्दील कर दिया था.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह साधुओं से अपील की थी कि वे कोरोन की महामारी को देखते हुए केवल “प्रतीकात्मक” तरीके से कुंभ की शेष अवधि का निरीक्षण करें. उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों में COVID-19 के बढ़ते मामलों के बीच आने वाले भक्तों पर कई प्रतिबंधों के साथ 1 अप्रैल को हरिद्वार में महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत हुई.

आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट आगमन के समय से 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं है, जो इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले भक्तों के लिए अनिवार्य थी. महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल और सामान्य परिस्थितियों में लगभग चार महीने तक किया जाता है. इसका अंतिम बार 2010 में 14 जनवरी से 28 अप्रैल तक हरिद्वार में आयोजन किया गया था.

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