ग्लोबल इमाम काउंसिल ने चीन में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न का कारण बताकर बीजिंग ओलंपिक में मुस्लिम एथलीट्स को भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्लोबल इमाम काउंसिल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि खेलों में भाग लेने से चीन की अत्याचारी सरकार के हितों की सीधी सेवा होगी, जो असल में मुस्लिम उत्पीड़न के पीछे है। (Beijing Olympics Imam Council)
चीन के शिनजियांग प्रांत में दस लाख से अधिक उइगर रहते हैं, ये मुसलमान तुर्क मूल के हैं। अमेरिकी और यूरोपीय मीडिया लंबे समय से यह बात जोरशोर से बता रही है कि मुस्लिम उइगर समुदाय को जबरन यातना शिविर में रखकर काम कराया जा रहा है। (Beijing Olympics Imam Council)
यह भी खबरें आई हैं कि उइगर मुसमानों को चीन में अपने बच्चों के नाम रखने की भी अनुमति नहीं है और मुसलमानों को शराब पीने और धार्मिक तौर पर प्रतिबंधित मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है।
इस मामले पर लगभग सालभर पहले अमेरिकी पहल पर इजरायल ने भी चीन के खिलाफ प्रस्ताव पर सहमति दर्ज की। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस तरह के प्रचार को एक लिहाज से खारिज कर दिया।
इस मसले पर पश्चिमी मीडिया के एक इंटरव्यू में पीएम इमरान ने कहा, मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर चीन से हमारी कई बार बात हुई है, यह वैसी बात नहीं है जैसा की पश्चिमी मीडिया में प्रचारित किया जा रहाा है। हमें सीरिया, यमन, इराक में विध्वंसक करने वाली ताकत पर भी उतनी ही बात करने की जरूरत है। (Beijing Olympics Imam Council)
गौरतलब है, ग्लोबल इमाम परिषद से पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं।
Source: Agencies