इलाज में लापरवाही से हुई थी महान फुटबालर डिएगो माराडोना की मौत, निजी चिकित्सक समेत नर्सिंग टीम को हो सकती है 25 साल की सजा

द लीडर : अर्जेंटीना के महान फुटबालर डिएगो माराडोना की मौत के मामले में नयाा मोड़ आ गया है. उनके निजी चिकित्सक और नर्सिंग टीम के खिलाफ हत्या का आरोप लगा है. सरकारी वकील के कार्यालय ने छह महीने से भी कम समय में यह आरोप लगाया है कि उनके निजी डॉक्टर, मनोचिकित्सक और अन्य मेडिकल स्टाफ ने इलाज में लापरवाही बरती थी.

ला नेसियन की रिपोर्ट के मुताबिक, अर्जेंटीना के पूर्व फुटबॉलर डिएगो माराडोना के निजी चिकित्सक लियोपोल्डो ल्यूक, मनोचिकित्सक अगस्टिना कोसाचोव और कई नर्सों के खिलाफ हत्या का आरोप लगा है. दोषी ठहराए जाने पर इन सबको आठ से 25 साल के कारावास का सामना करना पड़ सकता है.

1986 में अर्जेंटीना को फुटबॉल का विश्व कप जिताने वाले महान फुटबॉलर माराडोना का नवंबर 2020 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. 60 वर्षीय डिएगो माराडोना ने उससे कुछ पहले ही ब्रेन की सर्जरी कराई थी क्योंकि उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट हो गए थे. ला प्लाटा क्लिनिक में उन्होंने अपनी ब्रेन की सर्जरी कराई थी. इसके बाद ही हार्ट अटैैक से उनका निधन हो गया था.

उनकी मृत्यु के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए थे. माराडोना की मौत के कारणों की जांच की मांग उठी तो एक विशेषज्ञों की समिति बनाई गई थी.

जांच समिति के अनुसार, माराडोना की देखभाल में लापरवाहियाँ बरती गई. उन्हें भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया था. माराडोना की मृत्यु के छह महीने बाद जांच रिपोर्ट अब जारी हुई है.

आरोप है कि इलाज के दौरान उनके निजी डॉक्टर लियोपोल्डो ल्यूक, मनोचिकित्सक अगस्टिना कोसाचोव समेत नर्सिंग स्टाफ ने लापरवाही बरती.

अर्जेंटीना के एक कोर्ट में दी गई एक अर्जी में इन सभी सात स्वास्थ्य कर्मियों के देश से बाहर जा सकने पर रोक लगा देने की गुजारिश की गई है.

हैंड ऑफ गॉड के लिए थे फेमस 

साल 1986 में फीफा वर्ल्ड कप (Football World Cup) में डिएगो माराडोना ने अर्जेंटीना को जीत दिलाई थी. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अद्भुत गोल करके अपनी टीम को जिताया था. उनका यह गोल विवादों के घेरे में रहा था. आरोप था कि डिएगो ने यह गोल अपने अपनेेे हाथ से मारा था. फ़ुटबॉल के इतिहास में यह घटना ‘हैंड ऑफ़ गॉड’ (head of God) के नाम से दर्ज है.

इसके बारे में माराडोना का कहना था कि उन्होंने वह अद्भुत गोल ‘थोड़ा सा अपने सिर और थोड़ा सा भगवान के हाथ से’ मारा था.

20वीं सदी के सबसे महान फुटबॉलर

माराडोना का जन्म गरीब परिवार में हुआ था. वह 16 साल की उम्र से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल की दुनिया में सक्रिय हो गए थे. वह बीसवीं सदी के सबसे महान फुटबॉलर थे. उन्होंने अपने जीवन में खेलें 491 मैचों में 259 गोल दागे.

डिएगो माराडोना ने साल 1986 में विश्वकप के फाइनल मैच में गोल ऑफ सेंचुरी (Goal of the Century) मारा था. जिसे सदी का सबसे शानदार गोल माना जाता है.

क्लब के लिए भी खेला फुटबॉल

माराडोना चार फीफा विश्व कप खेलें. माराडोना ने बोका जूनियर्स, नेपोली और बार्सेलोना के अलावा अन्य क्लब के लिए भी खेले हैं.

  • Abhinav Rastogi

    पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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