चर्च पर हमलों के बाद मदर टेरेसा चैरिटी के खाते ‘फ्रीज’

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भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इस चैरिटी के जरिए देशभर में गरीबाें के लिए स्वायत्त रूप से आश्रय गृहों का संचालन किया जाता है। सोमवार को यह कदम कई दक्षिणपंथी हिंदू समूहों द्वारा देश के कुछ हिस्सों में क्रिसमस त्योहार को बाधित करने के बाद उठाया गया, जिसमें सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तरप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी शामिल है। इस राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं। (Mother Teresa Charity Accounts)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े कट्टरपंथी हिंदू संगठनों ने कई बार MoC पर गरीब हिंदुओं और आदिवासी समुदायों को पैसा, मुफ्त शिक्षा और आश्रय, दान की आड़ में धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाया है।

द एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए आवेदन, जो इसे विदेश से धन प्राप्त करने की अनुमति देता है, क्रिसमस पर खारिज कर दिया गया।

“यह सुनकर स्तब्ध हूं कि (क्रिसमस पर) केंद्रीय मंत्रालय ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया!” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक ट्वीट में लिखा।

“उनके 22 हजार रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं से महरूम कर दिया गया है। कानून सर्वोपरि है, मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए,” मोदी सरकार की मुखर आलोचक व केंद्र में विपक्षी नेता ममता बनर्जी ने कहा।

नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा एक रोमन कैथोलिक नन थीं, जिनकी 1997 में मृत्यु हो गई। उन्होंने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी। (Mother Teresa Charity Accounts)

पश्चिम बंगाल के पूर्वी राज्य में MoC के पास दुनियाभर आईं, 3 हजार से ज्यादा नन हैं, जो यतीम बच्चों के लिए धर्मशाला, सामुदायिक रसोई, स्कूल, कोढ़ी कॉलोनियां और घर चलाती हैं।

एक बयान में चैरिटी ने कहा कि सरकार ने खातों को फ्रीज नहीं किया, लेकिन यह कहा कि उसके विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) नवीनीकरण आवेदन को मंजूरी नहीं दी गई।

“इसलिए … हमने अपने केंद्रों से कहा है कि जब तक मामला हल नहीं हो जाता, तब तक किसी भी (विदेशी योगदान वाले) खाते का संचालन न करें” ।

कलकत्ता के आर्कबिशप गोम्स ने कहा कि पश्चिम बंगाल के खातों को फ्रीज करना “गरीबों के लिए एक क्रूर क्रिसमस उपहार” था। (Mother Teresa Charity Accounts)

क्रिसमस वीकेंड पर नफरत भरे हमले

2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से दक्षिणपंथी हिंदू समूह काफी मजबूत हुए हैं और उन्होंने धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने के साथ हमले शुरू कर दिए हैं। उनका सोचना है कि इस तरह की कार्रवाई धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए है।

इस महीने की शुरुआत में MoC पर मोदी के गृह राज्य गुजरात कथित शिकायतों के बाद जांच का सामना करनाा पड़ा, जिनमें कहा गया था कि उसके आश्रयों में लड़कियों को बाइबिल पढ़ने और ईसाई प्रार्थना पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। चैरिटी ने इन आरोपों से इनकार किया।

ईसाई और अन्य आलोचकों का कहना है कि धर्मांतरण को रोकने को झूठे आरोप लगाए जाते हैं। हकीकत यह है कि ईसाई भारत 1 अरब 37 करोड़ आबादी में महज 2.3 प्रतिशत हैं, जबकि 80 प्रतिशत हिंदू भारी बहुमत हैं।

हरियाणा के अंबाला में यीशु मसीह की आदमकद प्रतिमा को तोड़ा गया, जो कि भाजपा द्वारा शासित एक उत्तरी राज्य है।

“बीते क्रिसमस पर उत्तर भारत और देश के अन्य हिस्सों में भी ईसा मसीह की प्रतिमा को तोड़ा गया। चर्चों ने हिंदू भीड़ के प्रवेश करने और उनकी सेवाओं को बाधित करने की सूचना दी। (Mother Teresa Charity Accounts)

हिंदू धर्म के सबसे पवित्र शहर में एक व प्रधानमंत्री मोदी के सांसद क्षेत्र वाराणसी में हिंदूवादी भीड़ ने सांता क्लॉज के पुतले को जला दिया और चर्च के बाहर क्रिसमस समारोह और धर्मांतरण के खिलाफ नारे लगाए।

वाराणसी के एक सामाजिक कार्यकर्ता अनूप श्रमिक ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने करीब दो दर्जन लोगों को सांता क्लॉज का पुतला जलाते देखा।

एनडीटीवी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को पूर्वोत्तर राज्य असम के सिलचर में भी क्रिसमस के जश्न को बाधित कर दिया गया। (Mother Teresa Charity Accounts)

कई भारतीय राज्य धर्मांतरण विरोधी कानूनों को पारित कर चुके हैं या उन पर विचार कर रहे हैं जो धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता और संबंधित अधिकारों को चुनौती देते हैं, क्योंकि भारतीय संविधान अल्पसंख्यकों को इसकी गारंटी देता है।

ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इलियास वाज ने ताजा घटनाओं की निंदा की है।

वाज ने कहा, “भारत की ताकत इसकी विविधता में है और क्रिसमस पर जिन लोगों ने ऐसा किया है, वे असली देशद्रोही हैं।”

Source: AJJAZEERA


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