Corona: भारत को 40 से ज्यादा देशों से मिली करोड़ों डॉलर की मदद

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नई दिल्ली।

भारत के बारे में विदेशी मीडिया ने आ रही खबरें प्रधानमंत्री मोदी की छवि भले ही खराब कर रही हैं लेकिन ये भी सच है कि अपनी सरकार की नादानियों की वजह से मुश्किल दौर में फंसे भारतीयों के लिए करोड़ों की इमदाद आने लगी है।
विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया किअब तक 40 से अधिक देश भारत की मदद को आगे आये हैं। अन्य चीजों के अलावा विदेश से हमें 550 ऑक्सीजन प्लांट,4000 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर, 10000 सिलिंडर, रेमिडीसीवेर की400000 डोज भी मिलने वाली है।
भारत की मदद करने वाले देशों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ब्रिटेन के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, चीन, कनाडा, थाईलैंड आदि शामिल हैं। इन देशों से ऑक्सीजन के अलावा वेंटिलेटर और मास्क भी आ रहे हैं।

अमेरिका से सीधी मदद के साथ क्राउड फंडिंग भी

अमेरिका ने कोविड संक्रमण से भारत की मदद के लिए पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी का मॉडल अपनाया है। यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अमेरिकी गृह मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन और अमेरिका की अलग-अलग क्षेत्रों की 40 कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की। इस मौके पर भारत को जरूरी वित्तीय मदद, चिकित्सा आपूर्ति, टीके, ऑक्सीजन और अन्य जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने के लिए ग्लोबल टास्क फोर्स की घोषणा की। मीटिंग में राष्ट्रपति के डिप्टी सहायक कुर्ट चैंपबेल भी थे।
अमेरिका में भारत की मदद के लिए 15 से अधिक क्राउडफंडिंग कार्यक्रम चल रहे हैं। इन कार्यक्रम से करीब 65 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुके हैं। इनमें सेवा इंटरनेशनल ने कुछ ही वक्त में 30 करोड़ रुपए जुटाए हैं। साथ ही, लोग सीधे पीएम केयर्स फंड में भी पैसे भेज रहे हैं।
मदद के लिए पोर्टल बनाया, ऐसे मदद करेंगी अमेरिकी कंपनियां
यूएस चैंबर ने मदद के लिए पोर्टल बनाया है। इसके जरिए अमेरिकी कंपनियां भारत की मदद कर सकेंगी। जैसे मेकशिफ्ट अस्पतालों का निर्माण और तकनीकी मदद। ऑक्सीजन सप्लाई चेन मजबूत करना। ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे इलाकों में ऑक्सीजन पहुंचाना। व्हाइट हाउस पेंटागन समेत चार एजेंसियों के साथ काम कर रहा
व्हाइट हाउस तेजी से मदद भेजने के लिए गृह विभाग, यूएसएड, पेंटागन और सीडीसी के साथ काम कर रहा है। पेंटागन प्रवक्ता ने बताया कि सशस्त्र बल और यूएस एयरफोर्स दोनों ही इस ऑपरेशन में हिस्सा लेंगे।

कैलिफॉर्निया के गवर्नर का ऐलान

कैलिफॉर्निया में सबसे अधिक भारत वंशी अमेरिकी हैं।। वहां के के गवर्गर गैविन न्यूसम ने भारत भेजी जाने वाली पहली खेप की जानकारी साझा करते हुए कहा, कैलिफोर्निया भारत के लोगों की आवाज को सुनेगा और उनकी मदद करेगा, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है.’
कैलिफोर्निया की ओर से भेजी जाने वाली मदद में 275 ऑक्सीजन संक्रेन्द्रक , 440 ऑक्सीजन सिलेंडर, 240 ऑक्सीजन रेगुलेटर, 210 पल्स ऑक्सीमीटर और एक डेप्लॉयबल ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर सिस्टम (COCS) शामिल है, जो प्रति मिनट 120 लीटर ऑक्सीजन पैदा करने की क्षमता रखता है. इसका इस्तेमाल आम तौर पर बड़े सिलेंडर भरने के लिये होता है।

रूस से टीका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से बात जर रूसी टीके स्पूतनिक के लिए धन्यवाद किया। रूस भारत को अपनी स्पूतनिक वैक्सीन सप्लाई कर रहा है। इसकी पहली खेप 1 मई को भारत पहुंचेगी।
मोदी ने सोशल मीडिया पर बताया कि मैंने आज अपने मित्र व्लादिमिर पुतिन से फोन पर सार्थक बातचीत की। इसके अलावा हमने आपसी सहयोग के दूसरे मुद्दों पर भी विचार साझा किए। अंतरिक्ष से जुड़े मुद्दों पर सहयोग और रिन्युवल एनर्जी पर बातचीत की। रणनीतिक संबंधों को मजबूती और विस्तार देने के लिए हमने दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों की 2+2 बातचीत पर सहमति व्यक्त की।

सिंगापुर में आगे आए भारतीय

काेराेना के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद के लिए सिंगापुर के दाे व्यापारिक संगठनाें ने पहल की है। ये हैं, सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (सिक्की) और लिटिल इंडिया शॉपकीपर्स एसोसिएशन (लिशा)। इस संगठनों ने भारत की मदद के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया है।
सिक्की के चेयरमैन डाॅ. टी चंद्रू ने डीबीएस बैंक के साथ “इंडिया काेविड रिलीफ फंड’ नाम से खाता खोला है। इसमें समुदाय के लाेगाें से बढ़-चढ़कर याेगदान करने की अपील की गई है। सिक्की और लिशा ने कहा कि भारत की आर्थिक सहायता करने के लिए हम समुदाय का सहयाेग चाहते हैं। चंद्रू ने कहा, ‘हम भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहना चाहते हैं, क्योंकि यह ऐतिहासिक संकट है।’
सिक्की के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के साथ 500 कॉरपोरेट सदस्य हैं। जबकि लिशा सिंगापुर के लगभग सभी छाेटे काराेबारियाें का प्रतिनिधित्व करता है। सिंगापुर ने पहले ही चार ऑक्सीजन कंटेनरों को हवाई मार्ग से भारत पहुंचाए हैं। सिंगापुर के कई अन्य संगठन भी भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। इसमें एचएचएल लाइफकेयर, गिलियड फार्मा जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।

ब्रिटेन ने की मदद की घोषणा

ब्रिटेन बे वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सहित अन्य जीवन-रक्षक चिकित्सा उपकरण भेजने की घोषणा की। ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि वह फिलहाल कोविड-19 टीकों के लिए अपनी घरेलू प्राथमिकता पर जोर दे रहा है और इस चरण में भारत जैसे जरूरतमंद देशों को मुहैया कराने के लिए उसके पास अतिरिक्त खुराकें नहीं हैं. भारत में महामारी की भयावह दूसरी लहर के संदर्भ में, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रक्रिया की निरंतर समीक्षा की जा रही है और देश 495 ऑक्सीजन टैंक, 120 वेंटिलेटर आदि का एक सहायता पैकेज भेज रहा है ताकि भारत में आपूर्ति की कमी को पूरा किया जा सके। एक सौ वेंटिलेटर और 95 ऑक्सीजन टैंक की पहली खेप मंगलवार तड़के नई दिल्ली पहुंची।

ऑस्ट्रेलिया भी आगे आया

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया वेंटिलेटर सहित जरूरी साजोसामान भारत भेजेगा।
नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक के बाद एक प्रेस को संबोधित करते हुए पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा, ‘भारत में जो दृश्य हम देख रहे हैं, वे बेहद चिंताजनक और परेशान करने वाले हैं। हम भारत के प्रति सहानुभूति एवं संवेदना करते हैं और इस संकट की स्थिति में उसे हर संभव सहायता देने का ऐलान करते हैं।
वेंटिलेटर के अलावा, ऑस्ट्रेलिया भारत को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE), एक मिलियन सर्जिकल मास्क, 500,000 P2/N95 मास्क, 100,000 सर्जिकल गाउन, 100,000 गॉगल्स, 100,000 जोड़ी दस्ताने और 20,000 फेस शील्ड भी भेजेगा. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 100 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर सहित अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराने का वादा भी किया है। आपूर्ति के अगले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है।

कनाडा से 60 करोड़ की मदद

कनाडा की अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री करीना गुल्ड ने एलान किया कि कोरोना की लड़ाई के बीच कनाडा भारत को दस मिलियन कनाडियन डॉलर (60 करोड़ रुपये) की मदद करेगा।  ये फंड कनाडा रेड क्रॉस को मुहैया कराया जा रहा है, जो इसे इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी को हस्तांतरित करेगा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को कहा था कि भारत से जिस तरह की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं उसके मद्देनजर हमने इस मदद का फैसला किया है। हमें अपने मित्र देश की मदद के लिए आगे आना ही होगा। बता दें कि कनाडा के विदेश मंत्री मार्क गार्न्यू की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत के बाद कनाडा ने ये फैसला लिया है।

जर्मनी भी भेजेगा
जर्मनी की चांसलर एंजिला मैर्केल ने अपने प्रवक्ता स्टेफेन जाइबर्ट के जरिए ट्विटर पर पोस्ट किए एक संदेश में कहा, “कोविड-19 भारतीय समुदाय पर दोबारा जिस तरह का कहर बरपा रहा है, उसके लिए मैं भारत के लोगों के साथ सहानुभूति जताना चाहती हूं. इस महामारी के खिलाफ लड़ाई सबकी साझी है. जर्मनी भारत के साथ खड़ा है। जर्मनी के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेटर और अन्य मेडिकल साज-ओ-सामान उपलब्ध करवाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

न्यूजीलैंड से 1 मिलियन डॉलर

न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानिया महुता ने कहा कि भारत के साथ हम एकजुटता से खड़े हैं। इसी के चलते रेड क्रॉस के जरिए 1 मिलियन न्यूजीलैंड डॉलर देने की घोषणा हुई है

थाईलैंड से कंटनेर

चिकित्सीय ऑक्सीजन के परिवहन के लिए कंटेनरों की एक और खेप थाईलैंड से भारत पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में ऑक्सीजन की मांग बढ़ने से गृह मंत्रालय ने वायुसेना के परिवहन विमान की मदद से खाली कंटेनरों की यह तीसरी खेप मंगाई गई है।
कंटनेरों को बैंकॉक से हवाई मार्ग के जरिये लाया गया है। इस काम में गृह मंत्रालय समन्वय कर रहा है।

सऊदी अरब 

सऊदी अरब ने भारत को 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भेजा है। ऑक्सीजन भेजने का काम अडानी समूह और लिंडे कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है।

यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ (ईयू) भारत की मदद ने अपनी नागरिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया था। ताकि भारत को तत्काल ऑक्सीजन और दवा आपूर्ति सहित अन्य मदद की जा सके।

ड्रैगन की दगाबाजी

चीन ने एक सप्ताह पहले भी मदद की इच्छा जताई थी और 29 को भी विदेशमंत्री को भेजे गए पत्र में चीनी सामान भेजने की पेशकश की गई है। लेकिन चीन की सरकारी विमानन कंपनी सिचुआन एयरलाइंस ने भारत के लिए अपनी सभी कार्गों उड़ानों को अगले 15 दिनों के लिए रोक दिया है। इन विमानों के जरिए भारत को अतिआवश्यक ऑक्सीजन कनट्रेनर और अन्य चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति की जा रही थी। चीनी निर्माताओं ने ऑक्सीजन संबधी उपकरणाें की कीमतों को 35-40% तक बढ़ा दिया है। चीन से भारत को सामान पहुंचाने में लगने वाली फीस में भी 29% की वृद्धि की गई है।

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