
द लीडर हिंदी : संभल के सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जिसके चलते आज शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क़ के पोते बरेली आए.बतादें शफ़ीक़र्रहमान बर्क़ का मुरादाबाद के अस्पताल में इंतक़ाल हो गया. तब उनके पोते कु़ंदरकी के विधायक ज़ियार्रहमान राज्यसभा के चुनाव में वोट डालने के लिए लखनऊ गए हुए थे. मुरादाबाद मंडल से समाजवादी पार्टी के दूसरे सभी विधायक भी लखनऊ में ही थे.
जैसे ही सपा सांसद के दुनिया को अलविदा कहने की ख़बर लखनऊ पहुंची, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुरादाबाद मंडल के विधायकों को वोट डलवाने के बाद वापस भेजा. समय रहते बर्क़ साहब के सुपुर्द-ए-ख़ाक में पहुंच सकें, उसके लिए चार्टर प्लेन की व्यवस्था की. प्रदेश महासचिव एवं बहेड़ी से विधायक अतार्रहमान को ज़िम्मेदारी दी कि सभी विधायकों को बरेली एयरपोर्ट के बाद सड़क मार्ग से संभल पहुंचवाएं.
अताउर्रहमान के साथ ज़ियाउर्रहमान, मुरादाबाद के विधायक नासिर क़ुरैशी, बिलारी के विधायक मुहम्मद फ़हीम इरफ़ान, नजीबाबाद के विधायक तसलीम और सहारनपुर के विधायक आशू मलिक, बेहट विधायक उमर अली ख़ान दोपहर बरेली एयरपोर्ट आए. यहां पहले ही सपा नेता इंजीनियर अनीस अहमद ख़ान पहुंचे चुुके थे.
विधायकों को ले जाने के लिए गाड़ियां तैयार थीं.बरेली से आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान भी सांसद शफ़ीक़ुर्रहमान के आख़िरी सफ़र में हिस्सा लेने के लिए संभल निकल गए हैं. उनकी पार्टी आइएमसी ने मीटिंग करके उनके लिए दुआ की.
बता दें 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में जन्मे शफीकुर्रहमान बर्क ने पहली बार साल 1974 में विधायकी का चुनाव लड़ा था. बीकेडी के टिकट पर उन्होंने संभल से जीत हासिल की थी और विधायक बने थे. वह साल 1977 में जनता पार्टी से, 1985 में लोकदल से और 1989 में जनता दल से विधायक रहे. बर्क सपा की शुरुआत से ही उसके साथ रहे हैं. साल 1996 में उन्होंने पहली बार सपा के टिकट पर मुरादाबाद से सांसदी का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की. इसके बाद वह 2004 तक लगातार सपा के टिकट पर सांसद रहे. साल 2009 में उन्होंने अपनी सीट और पार्टी दोनों बदली और बीएसपी के टिकट पर संभल से चुनाव जीते.