Mehta Surgical Raid Case : क्राइम ब्रांच गिरफ्तारी में रही फेल, आरोपितों को मिल गई कोर्ट से अग्रिम जमानत

द लीडर : Mehta Surgical Raid Case : कोरोना के दौर में सर्जिकल सामान की कालाबाजारी और जमाखोरी के चर्चित मेहता सर्जिकल मामले में आरोपितों को अग्रिम जमानत मिल गई है. प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमेश चंद्र पांडे की कोर्ट की ओर से उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को स्वीकार कर लिया गया है.

आरोपित अजय मेहता के वकील लवलेश पाठक ने बताया कि कोर्ट ने अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिए कि अगर पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर लेती है तो उन्हें एक लाख के जुर्माने पर रिहा कर दिया जाए.

बताया जा रहा है कि पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपित जमानत पाने में कामयाब हो गए. आपदा अधिनियम समेत कई गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस उनकी तलाश ही करती रह गई. एसएसपी की ओर से क्राइम ब्रांच को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए अल्टीमेटम भी दिया गया था, बावजूद इसके आरोपित पुलिस के हत्थे नहीं लग सके. इस बीच आरोपितों ने कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत हासिल कर ली.

यह है पूरा मामला

विगत 12 मई को डीडीपुरम स्थित मेहता सर्जिकल स्टोर पर एसडीएम सदर विशु राजा ने एफएसडीए अधिकारियों के साथ छापा मारा था. इस दौरान स्टोर पर कई खामियां पाई गई थी. पीपीई किट को दोबारा पैक कर उस पर सौ के बजाय 19 सौ रुपये का स्टीकर लगाते पकड़ा गया था.

स्टोर के मालिक गोदाम में रखे सामान के बिल और बिक्री का हिसाब-किताब नहीं दिखा पाए थे. इसके बाद एसडीएम ने मेहता सर्जिकल स्टोर के कारोबार पर रोक लगा दी थी और स्टोर के गोदाम को सील करा दिया था. एसडीएम कार्यालय ने प्रेमनगर पुलिस को पत्र लिखकर मेहता सर्जिकल स्टोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए. मेहता सर्जिकल स्टोर को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा.

पुलिस ने मामले में इन्हें बनाया था दोषी

पुलिस ने मामले में मेहता सर्जिकल के स्वामी अजय मेहता, उनकी पत्नी सोनिका मेहता, बेटे सुशांत मेहता, भाई सुनील मेहता, उनकी पत्नी राखी मेहता, बेटे राहुल मेहता के नाम आपदा अधिनियम समेत कई गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था. जबकि ड्रग विभाग की ओर से तहरीर पर दर्ज एफआइआर में प्रतिष्ठान मेहता सर्जिकल को आरोपित बनाया गया था.

क्राइम ब्रांच भी आरोपितों को पकड़ने में रही नाकाम

प्रेमनगर पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में एनबीडब्ल्यू वारंट के लिए किया आवेदन था, लेकिन अर्जी स्वीकार नहीं हुई. बाद में एसएसपी ने मामले को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया था, मगर क्राइम ब्रांच भी मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं कर सकी. मामले की विवेचना इंस्पेक्टर शोएब मियां कर रहे हैं.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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