बाराबंकी : मस्जिद ढहाने के मामले में SDM के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका

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Barabanki Contempt Of Court Petition Against SDM Divyanshu Patel Mosque Demolition Case

द लीडर : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रामसनेही घाट स्थित 100 साल पुरानी गरीब नवाज मस्जिद गिराने के मामले में एसडीएम दिव्यांशु पटेल के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की याचिका दाखिल की गई है. बीती 17 मई को तहसील प्रशासन ने इस दावे के साथ मस्जिद ध्वस्त करा दी थी कि ये अवैध निर्माण है. जबकि मस्जिद प्रबंधन भूमि पर अपना कानूनी हक जता रहा है. इस तर्क के साथ कि इसके सारे दस्तावेज उपलब्ध हैं.

सय्यद फारूक अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ये याचिका दाखिल की है. दरअसल, मस्जिद को अवैध बताकर खाली कराए जाने के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था. और 24 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने मस्जिद गिराने सबंधी आदेश पर स्टे लगा दिया.इसके बावजूद प्रशासन ने मस्जिद को ध्वस्त कर दिया.

इस घटनाक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि मस्जिद 100 साल पुरानी है, जोकि वैध है और ये वक्फ बोर्ड में भी दर्ज है.


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मस्जिद गिराए जाने का मामला काफी तूल पकड़ गया, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में बना रहा. खासतौर से इसलिए क्योंकि जब हाईकोर्ट का स्टे था, तो प्रशासन ने कार्रवाई में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई.?

मस्जिद ढहाए जाने पर देशभर के मुस्लिम समाज के बीच से कड़ी प्रतिक्रियाएं समाने आईं. और शासन प्रशासन की आलोचना की गई. दरगाह आला हजरत से मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल रामसनेही घाट पहुंचा था. जिसने दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां को पूरी रिपोर्ट सौंपी है.

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के मुताबिक मस्जिद समिति के सारे कागजात हैं. आजादी के बाद से जितनी भी चकबंदियां हुई हैं, उन सभी में मस्जिद है. जमीन के कागज हैं, वक्फ में भी ये दर्ज है. इसलिए प्रशासन की कार्रवाई एकतरफा है और ये सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना है.


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गरीब नवाज मस्जिद रामसनेही घाट तहसील परिसर के अहाते में है. इसी साल मार्च में शासन ने ये ऐलान किया था कि 2011 के बाद सार्वजनिक सड़कों पर बनाए गए धार्मिक ढांचे 6 महीने में ध्वस्त कर दिए जाएंगे. इसके कुछ दिन बाद ही प्रशासन ने गरीब नवाज मस्जिद को लेकर नोटिस जारी कर प्रमाण मांगे थे. और इसी कड़ी में मस्जिद गिराने की कार्रवाई भी कर दी गई.

इस पूरे विवाद में एसडीएम दिव्यांशु पटेल के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठ रही है. दिव्यांशु पटेल 2017 बैच के आइएएस अधिकारी हैं.

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