पाकिस्तान में चल रहे सियासी उथल पुथल पर अब महबूबा मुफ़्ती ने दिया यह बड़ा बयान

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द लीडर | कश्मीर मसले के स्थाई समाधान के लिए बार-बार पाकिस्तान की राग अलापने वाली पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती अब पाकिस्तान की अस्थिरता से परेशान नजर आ रही हैं. उनको भी लगता है कि पाकिस्तान की तरक्की के लिए जरूरी है कि वहां लोकतांत्रिक संस्थाओं को ताकत मिले और राजनीति में पाकिस्तानी सेना का दखल कम हो. उन्होंने सीधे तौर पर तो पाकिस्तानी सेना का नाम नहीं लिया है, लेकिन जिस तरह से लोकतंत्र की बहाली पर जोर दिया है, उसका इशारा पाकिस्तानी सेना की ओर ही जाता है, जो बीते सात दशकों से भी ज्यादा वक्त से पाकिस्तान की सत्ता को अपने कब्जे में रखती आई है.


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पाकिस्तान में लोकतंत्र की मजबूती पर महबूबा का जोर

पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की छुट्टी हो चुकी है, लेकिन वहां राजनीतिक संकट अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में जम्मू और कश्मीर की राजनीतिक पार्टी पीडीपी की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती वहां की सियासी हालात को लेकर बहुत बड़ी बात कही है और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को स्थापित करने की पैरवी की है. पाकिस्तान को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा का जो रवैया रहा है, उसमें उनका ताजा बयान काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि, पाकिस्तान का आज तक का रिकॉर्ड है कि कोई सरकार ना तो अपना कार्यकाल पूरा कर पाई है और ना ही कोई सरकार पाकिस्तानी मिलिट्री के साए से पूरी तरह से खुद को अलग रख सकी है.

पाकिस्तान में जम्हूरियत का शोरगुल – महबूबा

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “भुट्टो साहब कहते थे कि हिंदुस्तान लोकतंत्र में जम्हूरियत के शोरगुल से ज़िदा है आज मुझे लगता है कि पाकिस्तान में भी वहां की जम्हूरियत का शोरगुल चल रहा है. हम चाहेंगे कि पाकिस्तान भी एक स्थिर देश बने.” महबूबा ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि, पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है और वहां लोकतंत्र का होना जरूरी है.

पाकिस्तान में क्या चल रहा है?

पाकिस्तान में फिलहाल इमरान खान की सरकार गिर चुकी है और नई सरकार का गठन होने जा रहा है. इसे लेकर संसद का सत्र जारी है. यहां इमरान खान भी कुछ देर के लिए पहुंचे, लेकिन इसके बाद उन्होंने वॉकआउट कर लिया. इमरान के साथ उनके साथी सांसदों ने भी नए पीएम के चुनाव का बहिष्कार किया. इसके अलावा उन्होंने बताया है कि पार्टी के सभी सांसद अपना इस्तीफा भी सौंप रहे हैं. वहीं विपक्षी दलों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को अपना समर्थन दिया है और उन्हें अपना पीएम उम्मीदवार घोषित किया है. जिसके बाद अब शरीफ का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.

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