पेगासस जासूसी मामले पर मायावती की अपील, सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में कराए जांच

द लीडर हिंदी,लखनऊ।संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी कांड के कारण लगातार प्रभावित कार्यवाही को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। बसपा की सुप्रीमो मायावती का मानना है कि जनहित के बेहद जरूरी जरूरी मुद्दों पर सरकार-विपक्ष के बीच अविश्वास ठीक नहीं है। मायावती ने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह पेगासस जासूसी मामले का संज्ञान ले, जिससे कि जनता को राहत मिले।


बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने गुरुवार को पेगासस जासूसी मामले पर दो ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि इसके कारण संसद का मानसून सत्र सही नहीं चल पा रहा है। बेहद जरूरी मुद्दों पर सरकार-विपक्ष के बीच अविश्वास भी गहराता जा रहा है। मानसून सत्र को इस बार पेगासस जासूसी कांड भी काफी गरमा रहा है। इतने आरोप के बाद भी केंद्र सरकार जांच कराने को तैयार नहीं है। अत: पेगासस जासूसी मामले का सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले और सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में इसकी जांच कराए।
मायावती ने कहा कि संसद का चालू मानसून सत्र देश, जनहित व किसानों आदि के अति-जरूरी मुद्दों पर सरकार व विपक्ष के बीच अविश्वास व भारी टकराव के कारण यह सत्र सही से नहीं चल पा रहा है। यहां पेगासस जासूसी काण्ड भी काफी गरमा रहा है, फिर भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस मुद्दे की जांच कराने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार के इस कदम से देश काफी चिन्तित है।
मायावती ने कहा कि ऐसे में बसपा माननीय सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध करती है कि वह देश में इस बहुचॢचत पेगासस जासूसी कांड के मामले में खुद ही संज्ञान लेकर इसकी जांच अपनी निगरानी में कराये ताकि इसको लेकर सारी सच्चाई जनता के सामने आ सके।

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

Related Posts

अब जेल जाने से बचे आज़म ख़ान के बड़े बेटे अदीब, बीवी और बहन

आज़म ख़ान के बड़े अदीब आज़म ख़ान, बीवी डॉ. तज़ीन फ़ात्मा और बहन निघत अख़लाक़ जेल जाने से बच गई हैं. तीनों ने कोर्ट में सरेंडर किया. जहां से उन्हें अंतरिम ज़मानत मिल गई है.

वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश, विपक्ष का हंगामा

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखी गई। लोकसभा में इसे दोपहर बाद पेश किया गया.