संसद के बाहर पोस्टर लेकर खड़े अखिलेश-‘हम हैं किसान आंदोलन के साथ, काले कानून वापस लो’

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किसान विरोधी काले कानून वापसी का पोस्टर लेकर खड़े सपा प्रमुख अखिलेश यादव. दूसरी तस्वीर में आंदोलनरत किसान परिवारों की महिलाएं.

द लीडर : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव किसानों के मुद्​दे पर और मुखर हो गए हैं. बुधवार को अखिलेश यादव संसद के बाहर पोस्टर लेकर खड़े हो गए. जिस पर लिखा था, किसान विरोधी काले कानून वापस लो. विरोध की ये तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा, हम हैं किसानों के साथ. इसे भी पढ़ें- ‘क्या 70 प्रतिशत पिछड़े, अतिपिछड़ों को भाजपा हिंदू नहीं मानती’-तेजस्वी यादव (Akhilesh Yadav Farm Laws )

किसान आंदोलन को शुरुआत से ही समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल है. सपा नेता गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर भी पहुंचते रहे हैं. और जिलों में भी धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं.

दिल्ली में किसान आंदाेलन की तस्वीर है. बारिश के कारण यहां ऐसा दृश्य है.

सपा नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की लगातार मांग उठाती रही. किसानों की आवाज अनसुनी करने को लेकर सरकार भी घेरती रही है. (Akhilesh Yadav Farm Laws )

यह पहला मौका है, जब अखिलेश यादव खुद एक पोस्टर लेकर खड़े हुए हैं. जिसमें किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी का स्लोगन लिखा है.


इसे भी पढ़ें- किसानों के गुस्से का ‘MSP’ चुका पाएगी सरकार या फिर समाजवादी पार्टी को मालामाल करेगी विरोध की ‘फसल’


 

सोमवार को ही संयुक्त किसान मोर्चा ने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी. जिसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, किसान नेता डॉ. दर्शनपाल सिंह और एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव शामिल हुए. (Akhilesh Yadav Farm Laws )

संयुक्त बयान में इन नेताओं ने ऐलान किया था कि किसान यूपी के चुनाव में जनता के बीच जाएंगे. और उन्हें सरकारी नीतियों से आगह करेंगे.

दिल्ली में चल रही किसान संसद में मौजूद किसान नेता. फोटो साभार किसान मोर्चा.

सरकार के प्रति विरोध का ये सिलसिला केवल यूपी तक ही सीमित नहीं रहेगा. बल्कि 2022 में होने वाली पांचों राज्यों तक जाएगा. इससे पहले किसान बंगाल में ऐसा कर भी चुके हैं.

जहां उन्होंने केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा के विरोध में प्रचार किया था. और किसानों की समस्याएं, मुद़्दे उठाए थे. किसानों की नाराजगी से अंदरखाने सत्तारूढ़ भाजपा असहज जरूर है. हरियाणा के भाजपा नेताओं को इस विरोध का सामना भी करना पड़ चुका है. (Akhilesh Yadav Farm Laws )

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