मौलाना तौक़ीर रज़ा की आज़म ख़ान से मुलाकात, जल्द दरगाह आला हज़रत आने की ख़्वाहिश

द लीडर : इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष और नबीरे आला हज़रत मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने रामपुर विधायक आज़म ख़ान से मुलाकात की है. दो दिन पहले ही आज़म ख़ान 27 महीनों की जेल काटकर ज़मानत पर बाहर आए हैं. आज़म ख़ान ने मौलाना के साथ मुसलमानों के मौजूदा हालात और देश की राजनीतिक दशा पर अपनी फ़िक्र ज़ाहिर की. नफ़रत के हालातों से पार पाने के लिए आला हज़रत समेत सभी मुस्लिम मरक़ज, उलमा और बुद्धिजीवियों से बातीचत का इरादा भी जताया. (Azam Khan Maulana Tauqeer Raza)

आज़म ख़ान और मौलाना तौक़ीर रज़ा के बीच तमाम मुद्​दों पर चर्चा हुई है. जिसमें यूपी ही नहीं बल्कि देश की मौजूदा राजनीति से लेकर, मुसलमानों को टारगेट किए जाने, हिंसा का चलन, संवैधानिक संस्थाओं की स्थिति तक.

आइएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी के मुताबिक आज़म ख़ान ने जल्द ही दरगाह आला हज़रत पर हाज़िरी देने आने की बात कही है. दोनों नेताओं की ये मुलाकात ऐसे वक़्त में हुई है, जब मौलाना तौक़ीर रज़ा दिल्ली में मुस्लिम बुद्धिजीवियों की एक कांफ्रेंस में हिस्सा लेकर आए हैं. जहां उन्होंने मीडिया चैनल्स की डिबेट में चंद मुस्लिम उलमा के हिस्सा लेने पर सख़्त नाराजग़ी का इज़हार किया था. यहां तक कि उनकी जूतम-पैजार करने तक का सार्वजनिक रूप से एलान भी किया.


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की ख़ुद की पार्टी है आइएमसी, जिसके वह अध्यक्ष हैं और यूपी विधानसभा के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया था. अखिलेश यादव को लेकर मौलाना तौक़ीर रज़ा के तेवरों में तल्ख़ी बरक़रार है. और आज़म ख़ान भी अखिलेश यादव से नाराज़ माने जा रहे हैं. बेशक़ ये शिष्टाचार मुलाकात थी लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी हैं. (Azam Khan Maulana Tauqeer Raza)

जैसा कि आज़म ख़ान जेल से बाहर आने के बाद कह चुके हैं कि इस बार मैं अपने सभी मरकज़ों से संवाद करने की कोशिश करूंगा. जिसमें दरगाह आला हज़रत, जामिया अशरफिया मुबारक़पुर-आज़मगढ़, देवबंद और नदबा आदि इदारे शामिल हैं.

सनद रहे कि मौलाना तौक़ीर रज़ा एक दशक से भी ज़्यादा वक़्त से इसी कोशिश में जुटे हैं कि भारतीय मुसलमानों के सभी फिरके एक मंच पर आएं. अपनी धार्मिक वैचारिकता पर कायम रहें लेकिन दुनियावी मामलों में एकजुट होकर खड़े हों.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भी सार्वजनिक रूप से यही बात कह चुके हैं कि बरेलवी हमारे अपने हैं. अगर दुनियावी मामलों में हमें उनकी कयादत पर काम करना पड़े तो मंज़ूर हैं. और हम इसके लिए तैयार हैं. (Azam Khan Maulana Tauqeer Raza)

हाल ही जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली में ईद मिलन समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें देश की तमाम राजनीतिक हस्तियां नज़र आई थीं, उसमें मौलाना तौक़ीर रज़ा भी शामिल थे.

अब आज़म ख़ान ने भी उसी दिशा में कोशिश का इरादा जताया है तो संभव है कि मौलाना तौकीर रज़ा और आज़म ख़ान एक साथ आगे बढ़ते हुए मुस्लिम समाज का एक मंच तैयार करें. जहां सभी इदारों के प्रमुख और मानने वाले दुनियावी मामलों पर एक आवाज़ के साथ खड़े हों.

आज़म ख़ान पर 89 मुक़दमें दर्ज हैं. 88 मामलों में उन्हें मामलों में उन्हें हाईकोर्ट और निचली अदालतों से ज़मानत मिली है. 89वें मामले में सुप्रीमकोर्ट ने अंतरिम ज़मानत दी है. उनकी उम्र लगभग 73 साल है और 27 महीनों की जेल काटकर आए हैं.

ऐसे में उनकी सेहत बहुत अच्छी नहीं है. इस सबके बावजूद आज़म ख़ान के सामने कई बड़े काम हैं. पहला तो

यही कि तमाम मुक़दमों में क़ानूनी राहत, अपने समर्थक और नेताओं को यही राहत दिलाना. फिर राजनीतिक फ़ैसले. (Azam Khan Maulana Tauqeer Raza)

आज़म ख़ान को लेकर मीडिया के एक हिस्सें में ये जानने कि बेक़रारी है कि वह समाजवादी पार्टी से किस हद तक नाराज़ हैं और क्या अखिलेश यादव का साथ छोड़ सकते हैं. आज़म ख़ान जोकि अपनी प्रेस क्राफ्रेंस में अप्रत्यक्ष रूप से काफी कुछ बोल चुके हैं.

हाल-फिलहाल में शायद ही इस पर सीधे तौर पर कुछ बोलें. संभावना कम है. लेकिन इतना ज़रूर है कि आज़म और मौलाना तौक़ीर रज़ा की मुलाकात के बाद मुस्लिम इदारों से संवाद की प्रक्रिया जल्द परवान चढ़ती नज़र आ सकती है.

अाइएमसी के महासचिव डॉ. नफीस अहमद ने कहा कि आज़म ख़ान पर ज़ुल्म हुआ है. वह बड़ी तक़लीफों से गुजरे हैं. मौलाना ने आज़म ख़ान से कहा कि वह उनके साथ हैं.


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Ateeq Khan

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