द लीडर | उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने तय किया है कि अब गणित, विज्ञान और नागरिक शास्त्र भी पढ़ाया जाएगा। कक्षा एक से 12 तक की सभी कक्षाओं में इन विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है। आगामी शैक्षिक सत्र से इसे लागू किया जाएगा। अभी तक सिर्फ उर्दू, हिंदी व अंग्रेजी ही अनिवार्य विषय होते थे। एनसीईआरटी की किताबों से इनकी पढ़ाई करवाएगा।
मदरसों के विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए सीनियर सेकेंड्री स्तर तक एनसीईआरटी के पाठयक्रम के मुताबिक गणित, विज्ञान, इतिहास और नागरिक शास्त्र को अब अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसों में दीनी शिक्षा के साथ अब आधुनिक शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा।
डॉ इफ्तिखार अहमद की अध्यक्षता में लिया गया फैसला
मंगलवार को हुई नवगठित उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत का इतिहास, नागरिक शास्त्र, तहतानिया, फौकानिया, मुंशी/मौलवी एवं आलिम और प्रारंभिक गणित विषय में प्रारंभिक गणित विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। दरअसल अभी तक मदरसों में ये विषय केवल वैकल्पिक थे। बैठक में कामिल व फाजिल की परीक्षाएं 25 से 30 अक्टूबर तक कराने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड के अभिलेखों के डिजिटाईजेशन व पासपोर्ट सत्यापन आदि कार्य के लिए आईटी सेल का गठन करने का निर्णय भी बोर्ड की बैठक में लिया गया है। बोर्ड की पाठ्यक्रम समिति, मान्यता समिति, परीक्षा समिति, परीक्षाफल समिति और वित्त समिति का गठन भी जल्द कर दिया जाएगा। वहीं बोर्ड के कार्यों को सुचारु करने के लिए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थायी तैनाती भी जल्द की जाएगी। बैठक में डॉ. इमरान अहमद, कमर अली, तनवीर रिजवी, असद हुसैन, वित्त एवं लेखाधिकारी आशीष नंदन, रजिस्ट्रार आरपी सिंह मौजूद थे।
ऑनलाइन होगा काम
मदरसा बोर्ड का कामकाज अब और पारदर्शी और आधुनिक होने जा रहा है। इसके तहत बोर्ड के सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे और इसके लिए एक आईटी सेल का गठन किया जाएगा। यही नहीं मदरसा बोर्ड के पुराने रिकॉर्ड को भी यहां डिजिटाइज्ड करने की प्रक्रिया शुरू होगी। लिहाजा मदरसों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को छोटे-छोटे कामों के लिए मदरसा बोर्ड के चक्कर नहीं लगाने होंगे और सुविधाएं ऑनलाइन मिलेंगी। सिंह का कहना है कि ऑनलाइन होने के बाद भविष्य में ई-ऑफिस भी शुरू किया जाएगा।
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