मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकार ने आरक्षण देने का फैसला किया है. नए आदेश के मुताबिक, इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन यानि EWS में मराठा समुदाय शामिल हो गया है.
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शिक्षा और नौकरियों में 10% लाभ उठा सकेंगे
मुंबई में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने यह आदेश जारी किया है. नए आदेश के तहत मराठा समुदाय के सदस्य EWS आरक्षण के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत के अंदर लाभ उठा सकेंगे.
इसके तहत EWS कोटा की शर्तों को पूरा करने वाला व्यक्ति, जो किसी अन्य आरक्षण वर्ग में शामिल नहीं है, उसे रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा. यह EWS कोटा 9 सितंबर 2020 से लेकर इस साल 5 मई को आए सुप्रीम कोर्ट से फैसले के बीच समुदाय पर लागू होगा.
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वहीं, EWS कोटा उन SEBC उम्मीदवारों पर लागू होगा, जिनकी नियुक्तियां अंतरिम रोक के पहले से अटकी हुई थीं. फिलहाल, 10 फीसदी EWS कोटा समाज को उस वर्ग के लिए जारी है, जो किसी दूसरे तरह के आरक्षण में शामिल नहीं है.
मराठा समुदाय 10 फीसदी ले सकेगा लाभ
EWS कोटा को लेकर केंद्रीय कानून को प्रभाव में आए 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं. इसके तहत सामान्य वर्ग में नौकरियों और शिक्षा के लिए गरीब वर्ग को आरक्षित किया जाता है. जारी आदेश के अनुसार, SEBC घोषित किए गए मराठा समुदाय 10 फीसदी EWS कोटा का लाभ ले सकेगा.
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8 लाख रु. सालाना आय से कम वाले समुदाय EWS कोटा के लिए मान्य
राज्य में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि, राज्य सरकार ने ऐसे मराठा समुदाय की मदद करने का फैसला किया है, जो किसी अन्य आरक्षण वर्ग में शामिल नहीं हैं. अब तक इस आरक्षण को लेकर स्थिति साफ नहीं थी. मलिक ने कहा कि, 8 लाख रुपये सालाना आय से कम वाले समुदाय EWS कोटा के लिए मान्य होंगे.