Madhya Pradesh: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से कमलनाथ ने दिया इस्तीफा, डॉ. गोविंद सिंह को मिली जिम्मेदारी

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में अगले साल 2023 में चुनाव होना है. लेकिन इससे पहले कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है. पार्टी हाईकमान ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जगह अपने सबसे वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह को मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया.

कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे. कमलनाथ पर लम्बे समय से दो में से एक पद छोड़ने का दबाव बना हुआ था और मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति एक पद की मांग लंबे अरसे से उठ रही रही थी.


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डॉ गोविंद सिंह इसके सबसे सशक्त दावेदार माने जा रहे थे. वे दिग्विजय सिंह के समर्थक हैं जबकि कमलनाथ खेमे से सज्जन वर्मा और बाला बच्चन इस पद के लिए दावेदारी कर रहे थे.

डॉ सिंह विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं

सूत्रों का कहना है कि, डॉ सिंह की ताजपोशी का फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वयं लिया. आज अचानक एआइसीसीआई ने सीधे भोपाल पत्र भेजकर डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने का ऐलान किया. डॉ सिंह मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने बृहस्पतिवार को कमलनाथ को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) मध्य प्रदेश के नेता पद से आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है.’’

2023 में होना है विधानसभा चुनाव

1990 में वे पहली बार एमएलए बने तो फिर वे अपराजेय ही बने रहे. उनको सबसे मुखर विधायक माना जाता है. उन्हें अनेक बार विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक का खिताब भी मिल चुका है. दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में वे काबीना मंत्री रह चुके हैं. मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

जानिए कौन हैं गोविंद सिंह ?

गोविंद सिंह की बात करें तो वे सात बार से विधायक हैं और कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं. ऐसे में उन्हें नेता प्रतिपक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. लेकिन उनकी नियुक्ति पर अभी से राजनीति शुरू हो चुकी है.

बीजेपी ने इसे कांग्रेस की कोरी राजनीति करार दिया है क्योंकि उनकी नजरों में पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग से नहीं चुना है. ऐसे में इस समाज के लिए ये बड़ा अपमान है.

वैसे गोविंद सिंह को दिग्विजय सिंह का भी करीबी माना जाता है. इसलिए उनकी नियुक्ति राज्य की राजनीति में कमलनाथ के लिए भी कई समीकरण बदल सकती है. अभी के लिए कमलनाथ पीसीसी चीफ रहने वाले हैं, उस पद से उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है.


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