90 वर्षीय ओडिसी नर्तकी से खाली करवाया गया सरकारी आवास : 8 अन्य कलाकारों को 2 मई तक घर खाली करने के निर्देश

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द लीडर। केंद्र सरकार ने आठ मशहूर कलाकारों को दो मई तक सरकारी आवास खाली करने को कहा है. इन सभी को वर्षों पहले सरकारी आवास आवंटित किए गए थे लेकिन आवंटन 2014 में निरस्त कर दिया गया था.

पद्म श्री से सम्मानित ओडिसी नर्तक 90 वर्षीय गुरु मायाधर राउत से सरकारी आवास खाली कराए जाने की कार्यवाही करने के एक दिन बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, कई बार नोटिस देने के बावजूद 28 कलाकारों में से आठ ने अब तक अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है.

दो मई तक आवास खाली कर देंगे

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि, इन आठ कलाकारों ने हमें आश्वासन दिया है कि, वे अपना सरकारी बंगला खाली करने की प्रक्रिया में हैं और उन्होंने कुछ और दिन का समय मांगा है. उन्होंने हमें लिखित में दिया है कि, वे दो मई तक आवास खाली कर देंगे और हमने उन्हें तब तक का समय दिया है.


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सरकार की नीति के अनुसार, संस्कृति मंत्रालय की सिफारिश पर सामान्य पूल आवासीय आवास में एक विशेष कोटे के तहत 40 कलाकारों को आवास आवंटित किया जा सकता है, यदि वे 20,000 रुपये प्रति माह से कम कमाते हैं.

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय शास्त्रीय कलाकार रीता गांगुली को और समय देने से इनकार कर दिया था, जिन्होंने एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी थी. बता दें कि केंद्र सरकार ने परिसर खाली करने के लिए 31 दिसंबर, 2020 की समय सीमा दी थी, लेकिन याचिका दायर होने के बाद उच्च न्यायालय ने नोटिस पर रोक लगा दी थी.

न्यायाधीश ने सुनाया था ये फैसला

न्यायाधीश ने नर्तक भारती शिवाजी, कुचिपुड़ी नर्तक गुरु वी जयराम राव, मायाधर राउत, ध्रुपद गायक उस्ताद एफ वसीफुद्दीन डागर, भरतनाट्यम नृत्यांगना रानी सिंघल, गीतांजलि लाल, और केआर सुबन्ना सहित अन्य कलाकारों की दलीलों पर अपना फैसला सुनाया था.

बता दें कि, कुचिपुड़ी नर्तक गुरु जयराम राव की पत्नी वनश्री राव, जिन्हें 1987 में एक घर आवंटित किया गया था. उन्होंने कहा कि वे भी घर खाली करने की प्रक्रिया में हैं. राव ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, हमने घरेलू सामानों की पैकिंग शुरू कर दी है. सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. हम जल्द ही आवास खाली कर देंगे.

गौरतलब है कि हाल ही में “अवैध कब्जाधारियों” के खिलाफ अपने अभियान के तहत लोकसभा सदस्य चिराग पासवान को 12 जनपथ बंगले से बेदखल कर दिया था, जो उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित किया गया था.


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