द लीडर : मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत उबाल पर है. सिलसिलेवार तरीके से असंगठित क्षेत्र के कामकाजी मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. इससे मजूदर और तमाम छोटे-मोटे कामकाजी लोगों में दहशत है. चूड़ीवाले, फेरीवाले, कबाड़ी के बाद अब इंदौर के देवालपुर के पानी-पूरी (बताशा) वाले इलियास को गांव से भगाने का मामला सामने आया है. इसलिए क्योंकि वह सांवरिया नाम से पानी-पूरी बेचते थे. इससे नाराज कथित हिंदूवादी संगठन से जुड़े एक युवक ने इलियास को घेरा. कहा-’50 तरह का जिहाद फैला रखा है. देश को खत्म कर दिया.’ (Madhya Pradesh Hate Muslims)
अल्लाह या फिर चाहें जो नाम रख. लेकिन हमारे भगवान का नाम नहीं. इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल किया गया है. घटना इंदौर के हाथरकुंगारा सेंधा की है. इस मामले में स्थानीय पत्रकार काशिफ ककवी ने इलियास की बहन से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि, ”मामला सुलझ गया है. भैय्या ने ठेले से बैनर हटा दिया. लेकिन इस बात का डर है कि अब कोई मुस्लिम होने की वजह से उनके साथ मारपीट न करे.”
इलियास के भाई यूसुफ ने काशिफ से कहा-”पिछले 15 सालों से सांवरिया नाम से पानीपूरी बेचते आ रहे हैं. साल में चार महीने महक या कुल्फी नाम से भी बेचते हैं. जो नाम अच्छा लगता है रख लेते हैं.”
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रविवार को ही उज्जैन मे महिदपुर क्षेत्र के एक गांव का वीडियो सामने आया था. जहां एक 45 साल के मुस्लिम कबाड़ी को कुछ युवकों ने घेर लिया था. उनसे जबरिया जय श्रीराम बुलवाया गया. ये कहते हैं कि हमारे गांव से कमाकर कैसे ले जा रहा है. (Madhya Pradesh Hate Muslims)
मध्यप्रदेश में पिछले अगस्त महीने में ही ये चौथी घटना है, जिसमें असंगठित क्षेत्र के मुस्लिम कामकाजी, धर्म के आधार पर नफरत का शिकार बने हैं.
शुरुआत इंदौर से हुई, जहां यूपी के हरदोई के रहने वाले तस्लीम फेरी लगाकर चूड़ियां बेच रहे थे. उन्हें पकड़कर आधार कार्ड देखा गया. और पिटाई की. घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.
विरोध पर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. लेकिन उनके बचाव में इंदौर की सड़कों पर बड़ा प्रोटेस्ट हुआ. और बाद में तस्लीम के खिलाफ पॉक्सो का मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया.
इसके बाद देवास जिले के जहीर, जोकि गांवों में फेरी लगाकर तोसा और जीरा बेचने का काम करते हैं. दो युवकों ने उनका आधार कार्ड मांगकर पिटाई की.
घायल जहीर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. रविवार को ही कबाड़ी वाले से जय श्रीराम बुलवाने का वीडियो सामने आया था. (Madhya Pradesh Hate Muslims)
वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने बताशे वाले का वीडियाे सीएम शिवराज सिंह को टैग करते हुए कहा-”शिवराज जी-क्या आपने ऐसे लफंगों को खुली छूट दे दी है. गरीब ठेले वाला, चूड़ीवाला, कबाड़ी और अब खोमचे वाला आपके राज में ऐसे दंगाई मानसिकता वाले गुंडों का टॉर्चर झेल रहे हैं. तो जिम्मेदारी किसकी है.”
शिवराज सिंह चौहान, चौथी मर्तबा राज्य के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनके तीनों कार्यकालों में इस तरह की घटनाएं आम नहीं हुईं. लेकिन चौथी बार, जब से सीएम बने हैं, लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक और नफरत की घटनाएं सामने आ रही हैं.
खास बात ये है कि इन घटनाओं को लेकर पुलिस और प्रशासन का रवैया भी हैरान करने वाला है. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने के कारण ही मामले बढ़ते जा रहे हैं.
दूसरा-इंदौर में जिस तरह से तस्लीम को पीटने वाले आरोपियों के बचाव में भारी भीड़ सड़कों पर उतरी थी. वो समाज के बिगड़ने तानेबाने की एक स्याह तस्वीर है. जिसमें धर्म के नाम पर हिंसा-नफरत को संरक्षण देने का वायरस शामिल नजर आता है. (Madhya Pradesh Hate Muslims)
एमपी के ही नीमच में एक आदिवासी कन्हैया लाल को गाड़ी में बांधकर घसीटा गया. जिससे उनकी मौत हो गई. इसको लेकर शिवराज सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. और राज्य में भीड़ हिंसा के चलन को लेकर उनकी आलोचना की जा रही है.