लखनऊ | दुर्भाग्य है कि जब प्रदूषण कि बात होती है तो भारत का नाम प्रदूषित देशों में ऊपर के स्थानों में रहता है। भारत में भी कई राज्य है जहाँ प्रदूषण कि स्थिति अब बद से बदतर होती चली जा रही है। उत्तर प्रदेश राज्य इस लिस्ट में सबसे ऊपर दिखाई देता है वहीं इंदौर शहर को पिछले साल सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब मिला हुआ है।
साल 2020 में कोविड के चलते काम काज में आई कमी से वायु प्रदूषण में हालांकि वर्ष 2019 के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके बावजूद दुनिया के 30 सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों में 20 शहर भारत के हैं। उत्तर प्रदेश के कि बात करे तो स्थिति कहीं अधिक चिंताजनक है क्योंकि इन 20 शहरों में से 10 इस प्रदेश के ही हैं। गाजियाबाद दुनिया में वायु प्रदूषण के लिहाज से दूसरे स्थान पर है, लेकिन देश के प्रदूषित शहरों में वह टॉप पर है। वहीं उत्तर प्रदेश के ही बुलंदशहर बिशरख, जलालपुर वायु प्रदूषण में विश्व के सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में तीसरे व चौथे स्थान पर है।
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विश्व के तमाम देशों की राजधानी को अगर लें तो दिल्ली प्रदूषण के लिहाज से टॉप पर है। विश्व के सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में लखनऊ दिल्ली से आगे नौवें स्थान पर, कानपुर आठवें, ग्रेटर नोएडा सातवें व नोएडा छठे स्थान पर है जबकि मेरठ 12वें, आगरा 17वें व मुजफ्फरनगर 20वें स्थान पर है। IQ एयर हर वर्ष दुनिया के कई शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी करता है जिसमें पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 प्रदूषक को आधार लिया जाता है। वर्ष 2020 की यह रिपोर्ट 106 देशों के प्रमुख शहरों में PM 2.5 के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है।
‘लखनऊ दुनिया के दस ज़्यादा प्रदूषित शहरों में बना हुआ है। यह एक खराब स्थिति है। हालांकि लखनऊ में अभी भी पर्याप्त मॉनिटरिंग स्टेशन नहीं हैं। प्रदूषण से लड़ाई में पहला कदम है कि हमारे पास उचित संख्या में मॉनिटरिंग स्टेशन हों जिससे सही आंकड़े मिल सकें। साथ ही राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत लखनऊ के लिए विशेष एक्शन प्लान बनाने की ज़रूरत है। इसके साथ ही अहम है कि शहर में यातायात सुविधाओं में बदलाव किए जाए। साइकिल लेन और समावेशी एवं सार्वजनिक यातायात साधनों को बेहतर करने की भी जरूरत है।’
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