लोकसभा चुनाव 2024 : बरेली में शह और मात के खेल का असली मास्टर माइंड कौन ?

द लीडर हिंदी: देश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की तैयारियां चल रही है.उधर उत्तर प्रदेश गज़ब की राजनीति जारी है.दरअसल यूपी के बरेली में बड़ा खेला हो गया है. यहां छोटेलाल गंगवार का पर्चा ख़ारिज होना कई के गले की फांस बन गया है. आपको बता दें बात महज़ इतनी नहीं लग रही कि बहुजन समाजपार्टी के उम्मीदवार मास्टर छोटेलाल गंगवार ने एफिडेविट अधूरा भरा और रिटर्निंग आफ़ीसर ने उनका पर्चा ख़ारिज कर दिया. बसपा नेतृत्व को संदेह है कि कुछ न कुछ खेल हुआ.

फ़िलहाल इसकी गाज मंडल प्रभारी और ज़िलाध्यक्ष पर गिराई गई है. ब्रह्मस्वरूप सागर और राजीव कुमार निपट गए हैं. इस खेल का मास्टर माइंड कौन है, बसपा सुप्रीमो मायावती गोपनीय जांच करा रही हैं.बसपा में पर्चा ख़ारिज होने से उठे बवंडर में पहले बात छोटेलाल गंगवार की करते हैं. उमूमन देखा गया है कि जब किसी उम्मीदवार का पर्चा ख़ारिज होता है तो वो शोर मचाता है.जैसा कि आंवला के ही बसपा उम्मीदवार सय्यद आबिद अली ने पर्चा ख़ारिज होने की संभावना पर तूफ़ान खड़ा कर दिया.इस क़दर की पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को वीडियो कॉल पर रिटर्निंग ऑफिसर से बात करनी पड़ी. इसके बरख़िलाफ़ छोटेलाल गंगवार पर्चा ख़ारिज होने की ख़बर मिलने पर वो कलेक्ट्रेट के पीछे वाले गेट से चुपचाप निकल गए.

मीडिया के सामने ही नहीं आए. दो दिन गुज़र गए, उनकी ज़ुबान ख़ामोश है. द लीडर हिंदी ने भी प्रयास किया लेकिन छोटेलाल गंगवार से बात नहीं हो सकी. बसपा से उनका टिकट होने से लेकर पर्चा ख़ारिज होने तक सियासी गलियारों में चर्चाएं बहुत सी हैं. उसमें अहम यह कि किसी ने छोटेलाल गंगवार को मैदान में उतारकर शह दी थी, जवाब में उसी ने जिसे शह दी गई थी, मात के लिए चाल चल दी है. मतदान में थोड़ा वक़्त है, उससे पहले कुछ चालें और चली जाएंगी. चुनाव में हारजीत से पहले पर्दे की आड़ से खेला जा रहा, खेल बेहद दिलचस्प होता जा रहा है. कहा तो यह जा रहा है कि कंडीडेट का पर्चा ख़ारिज होने के बावजूद बसपा के हाथ में अब भी बहुत कुछ है. वो जिनसे पर्चा ख़ारिज होने में भूमिका के तार जुड़ रहे हैं, उनकी मंशा को नाकाम करने के लिए बसपा आलाकमान के स्तर से बड़ा फ़ैसला लिया जा सकता है.

उससे पहले पार्टी में अनुशासनहीनता पर चाबुक चलाया गया है. मंडल प्रभारी और ज़िलाध्यक्ष को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर नरेंद्र सागर को मंडल और ओमकार कातिब को ज़िले की ज़िम्मेदारी दी गई है. गोपनीय जांच भी हो रही है. बसपा आगे कोई बड़ा धमाका कर सकती है.

 

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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