इंदौर | दूसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन समेत कई शहरों में 19 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया है। कुछ शहरों में शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन लागू था। उसे अब बढ़ाकर 19 अप्रैल तक कर दिया गया है।
यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को जिला आपदा प्रबंध समितियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में लिया गया। जिला आपदा प्रबंध समितियों से विस्तृत चर्चा के बाद महामारी को रोकने के लिए यह फैसला किया गया। इस संबंध में जिला कलेक्टर/दंडाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन समितियों की सहमति अनुसार धारा 144 के तहत आदेश जारी करेंगे।
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दरअसल, राज्य में कोरोना संक्रमित लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना मरीजों के रिकॉर्ड 4,986 केस मिले हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण से 24 लोगों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सबसे ज्यादा इंदौर में 912 और भोपाल में 736 संक्रमित आए हैं। इस तरह प्रदेश में एक्टिव केस 32 हजार से ज्यादा हो गए हैं। 52 जिलों में से 47 जिले ऐसे हैं, जहां 100 या उससे ज्यादा एक्टिव केस हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते में ही 23 हजार संक्रमित बढ़े हैं।
जबलपुर समेत चार जिलों में 12 अप्रैल से लॉकडाउन
इधर, जबलपुर शहर के साथ बालाघाट, नरसिंहपुर और सिवनी जिलों में 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है। डॉ. राजौरा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ चर्चा के दौरान एक दिन में 5 हजार केस आने पर चिंता जताई। हालात को काबू में लाने के लिए ही लॉकडाउन का फैसला किया गया है। शनिवार शाम तक इसको लेकर आदेश जारी कर दिया जाएगा।
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रतलाम-छिंदवाड़ा समेत 5 शहरों में पहले ही लॉकडाउन
रतलाम जिले में 9 दिन का लॉकडाउन 9 अप्रैल की शाम 6 से लागू है, जो 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा। इसके अलावा खरगोन, कटनी और बैतूल में भी 17 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक सब-कुछ लॉक रहेगा। वहीं, छिंदवाड़ा में 8 अप्रैल की रात 8 बजे से लगातार 7 दिन के लिए लॉकडाउन लगाया गया है।
CM की बैठक में यह सुझाव भी आए..
- सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या 50% की जाए।
- सरकार जीवन रक्षक इंजेक्शन MRP रेट पर उपलब्ध कराए।
- कोरोना का फ्री इलाज सरकार की ओर से कराया जाए।
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पूर्व मंत्री ने लगाए सीएम पर ये आरोप
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक ली। इस पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मैंने बैठक में कई सुझाव दिए। RTPCR की रिपोर्ट 7 दिनों तक नहीं आ रही है। जांच की रिपोर्ट जल्द सामने आनी चाहिए। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी की जाए। पीसी ने आरोप लगाया कि सरकार मौत के आंकड़े छुपा रही है।
उन्होंने कहा कि जनता को जीवन रक्षक इंजेक्शन MRP रेट पर उपलब्ध होनी चाहिए। साथ ही, कोरोना का फ्री इलाज सरकार करवाए। पूर्व मंत्री ने कहा कि दमोह में उपचुनाव के चलते सरकार वहां के कोरोने संक्रमण के आंकड़े छुपा रही है। सरकार को यहां की चिंता नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे हैं कि वैक्सीन लगने के बाद लोगों को नशा नहीं करना चाहिए, वहीं प्रदेश सरकार शराब की दुकानें खोले हुए है।
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