जानिए, क्यों इंदिरा गांधी ने गंदे कपड़ों से ढंकवा दिया ताजमहल

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अंतरराष्ट्रीय महत्व की इमारत ताजमहल को 50 साल पहले पाकिस्तान ने ध्वस्त करने को निशाना बनाया था। वजह थी, पूर्वी पाकिस्तान में पसरे असंतोष के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना। तब देश की प्रधानमंत्री थी इंदिरा गांधी। (Indira Gandhi Covered Taj)

23 नवंबर 1971 को पाकिस्तानी राष्ट्रपति याह्या खान ने पाकिस्तान में आपातकाल घोषित करने के साथ ही जंग के लिए तैयार रहने का ऐलान कर दिया।

तीन दिसंबर को शाम लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर पाकिस्तानी एयरफोर्स ने सीमा से 300 मील दूर आगरा समेत उत्तर-पश्चिमी भारत के 11 एयरबेस पर अचानक हमला कर दिया।

हमले की आशंका थी, इसलिए पहले ही ताजमहल को घास-फूस, पत्तियों, बेलों, गंदे कपड़ों से ढांक दिया गया, क्योंकि उसका संगमरमर पत्थर चांदनी रात में दूर से चमकता था।

पाकिस्तान ने इस हमले को ‘ऑपरेशन चंगेज़ खान’ कहा था, जो कि इजराइल के ‘ऑपरेशन फोकस’ से की नकल करने की कोशिश थी। (Indira Gandhi Covered Taj)

इसी तरह इजराइल-अरब के छह दिवसीय युद्ध में ऑपरेशन फोकस के तहत इजराइल ने हमला किया था। अरब एयरबेसों पर हमला करने को इजराइल ने बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान भेजे थे, जिसके बाद छोटा सा देश इजराइल अरब देशों से जीत गया था।

हालांकि इस नकल में पाकिस्तान खास तैयारी से चूक गया। पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेसों पर हमला करने को 50 से भी कम फाइटर जेट भेजे। (Indira Gandhi Covered Taj)

इसी हमले के बाद इंदिरा गांधी ने युद्ध की घोषणा कर तीनों सेनाओं को पाकिस्तान के सभी मोर्चों पर हमला करने का आदेश कर दिया।

16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेनाओं ने ढाका को घेर लिया और मात्र 30 मिनट में समर्पण कर देने का अल्टीमेटम जारी किया।

चेतावनी से घबराकर पूर्वी पाकिस्तान में तैनात लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाज़ी के नेतृत्व में पाकिस्तानी पूर्वी कमान ने बिना किसी विरोध के आत्मसमर्पण कर दिया।


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