ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कजाकिस्तान में अब तक एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके है, जबकि दर्जनों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शन अब बड़े पैमाने पर पूरे देश में फैल गया है। हालात को नियंत्रित करने के लिए रूसी सैन्य गठबंधन ने कमान संभाली है। (Kazakhstan Protesters Capture Airport)
कजाकिस्तान में प्रदर्शन तब उग्र हो गया, जब राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायव ने प्रदर्शनकारियों को आतंकी बोल दिया और उनके साथ आतंकियों जैसा बर्ताव होने की चेतावनी दी। टोकायव ने कहा: “यह राज्य की अखंडता को कमजोर करना है और सबसे बड़ी बात यह कि यह हमारे नागरिकों पर हमला है।”
जवाब में जब प्रदर्शन तेज हो गया तो राष्ट्रपति ने रूस के नेतृत्व वाले सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) से मदद की अपील की। रूस ने पैराट्रूपर्स और सैन्य इकाइयां भेजकर हालात को नियंत्रित करने की कोशिश कर दी है। इससे पहले राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया। (Kazakhstan Protesters Capture Airport)
विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन सशस्त्र सैन्य बलों की अल्माटी के मुख्य चौराहे पर प्रदर्शनकारियों से भिड़ंत हो गई। रूस की TASS समाचार एजेंसी ने कहा कि इस झड़क में घायल हुए 400 से ज्यादा प्रदर्शनकारी अस्पताल में भर्ती हैं।
CSTO ने कहा कि उसने “स्थिति को स्थिर करने और सामान्य करने के लिए सीमित समय” के लिए “शांति सेना” को कजाकिस्तान भेजा है।
इस बीच, कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि प्रदर्शन से निपटने के दरम्यान 12 सुरक्षा अधिकारी मारे जा चुके हैं। विरोध प्रदर्शन जारी है और प्रदर्शनकारियों ने अल्माटी हवाई अड्डे पर नियंत्रण कर लिया है। टोकायव ने प्रदर्शनकारी समूह को “आतंकवादी गिरोह” बताकर आग में पेट्रोल छिड़कने जैसी स्थिति पैदा कर दी है।
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सड़कों पर बढ़ती हिंसा के चलते बैंकों का काम ठप हो चुका है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। (Kazakhstan Protesters Capture Airport)
Source: Agencies