कजाकिस्तान में बिगड़े हालात, लगा आपातकाल : रूस और सहयोगी दलों ने विरोध प्रदर्शनों में मदद के लिए भेजी सेना

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द लीडर। रूस और उसके सहयोगियों ने कजाकिस्तान में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बाद विरोध प्रदर्शनों में मदद करने के लिए सैनिकों को भेजा है। ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के चलते टोकायव ने देशव्यापी आपातकाल लागू कर दिया और देश के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट का उपयोग बंद कर दिया गया। अब रूस और उसके सहयोगियों की सेना कजाकिस्तान में हालात पर काबू पाएगी।

एक और रिपोर्ट के अनुसार, कजाकिस्तान के बिगड़े हुए हालात को देखते हुए कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने रूस के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन से मदद मांगी। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जल्द ही वहां रूसी नेतृत्व वाली शांति सेना भेजी गई है।

बिगड़ते हालाते देख देश में लगा आपातकाल

मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान की सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों, एलपीजी और गैसोलीन की कीमतों में इजाफा क्या किया लोगों ने अपने विरोध प्रदर्शनों के बलबूते सरकार को ही गिरा दिया। कजाकिस्तान में महंगाई के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतारू भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े जिससे देश के हालात बिगड़ गये हैं और वहां आपातकाल लगाना पड़ा है।


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कजाकिस्तान में विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता और सुरक्षा बलों की भिड़ंत के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कई गाड़ियों में आग भी लगा दी गई जिससे हालात को काबू में करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

महंगाई को लेकर देश में गुस्से की लहर उठ गई है जो दशकों में मध्य एशियाई देश के नेतृत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया। इस विरोध प्रदर्शन में दर्जनों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए है। पुलिस ने गुरुवार को कहा कि, राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव ने उन्हें प्रदर्शनों को कम करने का आदेश दिया।

बढ़ते ईंधन की कीमतों का विरोध

कजाकिस्तान के कई शहरों में अशांति देखी गई है क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारी तरलीकृत गैस (एलपीजी) की कीमत में तेज वृद्धि के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं, जिसे ज्यादातर कजाख कार ईंधन के रूप में उपयोग करते हैं। कीमतों में वृद्धि तब हुई जब देश ने ईंधन के लिए सरकारी सब्सिडी को रोकने और बाजार को कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एलपीजी के साथ इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स में क्रमिक परिवर्तन पूरा किया।

विरोध पर सरकार की प्रतिक्रिया

कज़ाख अधिकारियों ने देश भर में आपातकाल लागू कर दिया और टोकायव को “आतंकवादी” कहे जाने वाले युद्ध के लिए सैन्य इकाइयाँ भेजीं। आपातकाल की स्थिति टोकायव को कजाकिस्तान में असहमति के दुर्लभ प्रदर्शन को रोकने के लिए कर्फ्यू लगाने, विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने और इंटरनेट के उपयोग को प्रतिबंधित करने की शक्ति देती है। लंदन स्थित निगरानी एजेंसी नेटब्लॉक्स के अनुसार, मोबाइल इंटरनेट बंद होने और आंशिक प्रतिबंधों के एक दिन बाद बुधवार को देश भर में इंटरनेट क्रैश हो गया।

दुनिया का नौवां सबसे बड़ा देश है कजाकिस्तान

कजाकिस्तान दुनिया का नौवां सबसे बड़ा देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में रूस और पूर्व में चीन से लगती हैं और इसके पास व्यापक तेल भंडार है जो इसे रणनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। तेल के भंडार और खनिज संपदा के बावजूद देश के कुछ हिस्सों में लोग खराब हालत में रहने को मजबूर हैं जिसके कारण लोगों में असंतोष है। वर्ष 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद कजाकिस्तान में एक ही पार्टी का शासन रहा है और इसकी वजह से भी लोगों में असंतोष है। फिलहाल पूरी दुनिया की नजर कजाकिस्तान के हालात पर बनी हुई है।


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