ईंधन कीमतों से भड़के इस देश के लोग, प्रदर्शन रोकने को इमरजेंसी का ऐलान

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ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। लेबनान में तो जीना दूभर हो गया है। अब ताजा खबर यह आई है कि मध्य एशिया के तेल संपदा से भरपूर देश कजाकिस्तान में ईंधन कीमतों की बढ़ोत्तरी से खफा जनता इस कदर भड़क गई कि फ्यूल टैंकों तक पर कब्जा करने की कोशिश होने लगी। उग्र होते प्रदर्शनों को रोकने के लिए सरकार ने हर हथकंडा इस्तेमाल करने के बाद आंदोलन से प्रभावित शहरों में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। (Kazakhstan Fuel Prices Emergency)

कजाकिस्तान की वित्तीय राजधानी अल्माटी मंगलवार देर रात से धधका हुआ है। पुलिस ने लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की कीमतों में तेजी से गुस्साए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन प्रदर्शन और तेज हो गया। हालात बेकाबू होने पर कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने बुधवार को अल्माटी और एक तेल समृद्ध पश्चिमी क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी।

राष्ट्रपति की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायव ने 5 जनवरी से 19 जनवरी तक अल्माटी और मैंगिस्टाऊ के हाइड्रोकार्बन समृद्ध पश्चिमी क्षेत्र में आपातकाल की घोषणा की है। दोनों क्षेत्रों में रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।

इससे पहले राष्ट्रपति टोकायव ने प्रेस सचिव बेरिक उली द्वारा फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में शांति का आह्वान किया था। (Kazakhstan Fuel Prices Emergency)

उन्होंने कहा, “उकसावे में न आएं, सरकारी भवनों पर हमला करने जैसे आह्वान पर गौर न करें, यह एक अपराध है जिसके लिए आपको दंडित किया जाएगा। हमें बेवजह उलझने की जरूरत नहीं है, इस तरह सरकार गिर नहीं जाएगी।”

इसके बाद जब प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अल्माटी की मुख्य सड़कों से मार्च किया, तो जनसैलाब उमड़ पड़ा। पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। हजारों लोगों के तेवर उग्र होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन खास कामयाबी नहीं मिली। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारी “ओल्ड मैन आउट” का नारा लगाते हुए सरकार के इस्तीफे की मांग करने लगे।

ऐसा भी बताया जा रहा है कि विरोध-प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग कर रहीं दो स्वतंत्र समाचार वेबसाइटों को रोक दिया गया है। इसके अलावा मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम, सिग्नल और व्हाट्सएप को भी ब्लॉक कर दिया गया है।

लगभग 1 करोड़ 90 लाख आबादी वाले देश कजाकिस्तान में रविवार से छोटे विरोध प्रदर्शन की शुरुआत मैंगिस्टाऊ के झानाओज़ेन में हुई थी। इसकी वजह थी, सबसे पहले हाइड्रोकार्बन समृद्ध मैंगिस्टाऊ में एलपीजी की कीमतों में बढ़ोत्तरी से लोग नाराज हो गए। बढ़ती नाराजगी देख कीमतों को कम करने के लिए सरकार का आश्वासन प्रदर्शनकारियों को शांत करने में विफल रहा। (Kazakhstan Fuel Prices Emergency)

राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायव ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया कि “स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए” मैंगिस्टाऊ में एलपीजी की कीमतें कम करने का फैसला किया है।

स्वतंत्र मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नए साल की शुरुआत में 120 से नीचे 50 टेन्ज प्रति लीटर (11 यूएस सेंट) की नई कीमत की घोषणा ने मैंगिस्टाऊ की राजधानी झानाओज़ेन और अकटाऊ में विरोध प्रदर्शनों को उकसा दिया। कीमतों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी नूर-सुल्तान में छोटे-छोटे स्वतःस्फूर्त मार्च निकलने लगे और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो गया।

मैंगिस्टाऊ ऑटोमोबाइल के लिए मुख्य ईंधन के रूप में सस्ते एलपीजी पर निर्भर है, इसकी कीमतों में जरा से उछाल से खाद्य कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। महामारी की शुरुआत के बाद से एलपीजी की कीमत तेजी से बढ़ी है, जिसकी वजह से अब प्रदर्शन उग्र हो गए हैं।


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