द लीडर। धरती में डॉक्टर को भगवान माना जाता है। लेकिन जब धरती के भगवान ही मरीजों की जान से खेले तो इसे क्या कहेंगे। अस्पताल एक ऐसी जगह है जहां लोग अपनी जिंदगी बचाने जाते हैं, और अपने मर्ज का इलाज कराते हैं, आखिर वहां ऐसा क्या हुआ जो मौत का खेल खेला गया, और कैसे प्रतिबन्धित दवाई अस्पताल के अन्दर आई और कैसे अस्पताल के ही कर्मचारी की संदिग्ध हालातों में प्रतिबन्धित इंजेक्शन लगने से मौत हो गई। ऐसे ही कई सारे सवाल उजाला अस्पताल की कार्यशैली पर उठ रहे हैं। वहीं पुलिस कर्मचारी की मौत का रहस्य सुलझाने में लगी है।
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अस्पताल के इमरजेंसी में कर्मचारी की मौत
बता दें कि, काशीपुर के उजाला अस्पताल में कर्मचारी की संदिग्ध मौत ने सभी को हिला कर रख दिया है। उजाला अस्पताल के इमरजेंसी में कर्मचारी की मौत कैसे हुई। और कैसे प्रतिबंधित दवा अस्पताल के अंदर आई। क्या किसी ने कर्मचारी को रंजीशन मौत का इंजेक्शन लगाया या हत्या की पूरी साजिश रची गयी थी। ऐसे कई सवाल उजाला अस्पताल में हुई कर्मचारी की मौत के बाद उठ रहे हैं, जिसको लेकर पुलिस भी पूरी तरह से खोजबीन में लगी है, पोस्टमार्टम में भी प्रतिबंधित दवा का इंजेक्शन लगने से मौत बताई जा रही है। लेकिन अब सवाल ये है कि, क्या वो इन्जेक्शन किसी और ने लगाया या खुद कर्मचारी ने लगा दिया। बहरहाल, पुलिस मामले की जांच कर रहे है। लेकिन परिजनों ने इस मौत पर हत्या की आशंका जताकर उजाला अस्पताल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
अस्पताल में कैसे आया प्रतिबंधित इंजेक्शन ?
जबकि पुलिस भी इस बात को मान रही है कि, प्रतिबंधित इंजेक्शन से कर्मचारी की मौत हुई है, जो अस्पताल में कैसे आयी या कैसे लगायी गयी इसको लेकर पुलिस खोजबीन कर रही है, यही नहीं मौत के वास्तविक कारणों को जानने के लिए भी पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है, जिसका जल्द ही पुलिस खुलासा करने की बात कह रही है। बता दें कि, अस्पताल की इमरजेंसी में हुई कर्मचारी की मौत से मचे हड़कंप से पुलिस भी सकते में है, फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम की बारीकी को ध्यान में रख कर अपनी मौत के कारणों को जुटाने लग गई है। अब देखना होगा कि, आखिर इस मौत का कौन सा रहस्य खुलकर सामने आता है।
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