योगी सरकार का बड़ा फैसला : झांसी रेलवे स्टेशन अब से वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जान जाएगा

0
488

द लीडर | यूपी की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार ने एक और रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है। अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन रख दिया गया है। झांसी रेलवे स्टेशन अब ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ करने की मंजूरी देने के बाद लोक निर्माण विभाग ने सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कुछ माह पहले केंद्र सरकार को झांसी रेलवे स्टेशन का नामकरण वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम पर करने का प्रस्ताव भेजा था।

इससे पहले भी बदले गए कई नाम 

गौरतलब है कि यूपी में इससे पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया था। इलाहाबाद शहर का नाम प्रयागराज किया गया है। जबकि फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम 1857 की क्रांति का चेहरा रहीं रानी लक्ष्मीबाई के नाम के नाम पर क‍िया गया है। इस बार फर्क ये रहा है कि सरकार ने शहर की जगह किसी रेलवे स्टेशन का नामकरण कर दिया है।


यह भी पढ़े – जानिए क्यों भारत, यूएई, अमेरिका के हिंदू श्रद्धालु पाकिस्तान में हिंदू धर्मस्थल का करने जा रहे हैं दौरा ?


रेलवे स्टेशन का नाम बदला

जानकारी के लिए बता दें कि तीन महीने पहले गृह मंत्रालय को ये प्रस्ताव दिया गया था कि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाए। अब उसी प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए यूपी सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदल वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कर दिया है। रेलवे स्टेशन का कोड भी अब बदल दिया जाएगा। सरकार की तरफ ये तर्क दिया जा रहा है कि स्टेशन का नाम बदलने से भी क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। बुंदेलखंड इलाके में भी इसका लाभ देखने को मिल सकता है।

एक जनवरी को 133 साल का हो जाएगा झांसी स्टेशन

झांसी रेलवे स्टेशन एक जनवरी को 133 साल का हो जाएगा। इसका उद्घाटन एक जनवरी, 1889 को हुआ था। ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे ने इसको स्थापित किया था। आज यहां से हर दिन 250 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद अब रेलवे स्टेशन का कोड भी अब बदल दिया जाएगा।

प्रभात झा ने उठाया था मामला 

झांसी रेलवे स्टेशन का नाम रानी लक्ष्मीबाई के के नाम पर करने की मांग भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रभात झा के अलावा स्थानीय नेताओं ने उठाई थी। कुछ साल पहले झांसी में हुई रेलवे बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। झांसी के सांसद अनुराग शर्मा ने इसे बुंदेलखंड के लोगों के लिए गौरव की बात बताया। उन्होंने कहा कि इससे बुंदेलखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

शायरों के नाम पर भी विवाद

इस सब के अलावा अब यूपी में शिक्षा आयोग ने कई मशहूर शायरों के नामों को बदलकर प्रयागराज के नाम पर कर दिया है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर ‘अकबर प्रयागराजी’ कर दिया। साथ ही, तेग इलाहाबादी का भी नया नामकरण करके तेग प्रयागराज और राशिद इलाहाबादी को राशिद प्रयागराज कर दिया गया। लेकिन बाद में जब इस फैसले पर विवाद बढ़ा तो आयोग ने आगे आकर सफाई दी कि उनकी साइट को हैक कर लिया गया था।

कौन थी रानी दुर्गावती

रानी दुर्गावती (5 अक्टूबर 1524–24 जून 1564) एक प्रसिद्ध वीरांगना थीं। उन्होंने मध्यप्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र में शासन किया था। उनका जन्म 5 अक्टूबर 1524 को कालिंजर के राजा पृथ्वी सिंह चंदेल के यहां हुआ था, जिनका राज्य गढ़मंडला था, जिसका केंद्र जबलपुर था। वे इलाहाबाद के मुगल शासक आसफ़ खान से लोहा लेने के लिए प्रसिद्ध हैं।


(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here