द लीडर : उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत से अल्पसंख्यक समाज में बेचैनी का आलम है. इसको लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अल्ताफ के साथ पुलिस हिरासत और मुठभेड़ में हुई मौत मामले की जांच सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में कराई जाए. सरकार अल्ताफ के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दे. और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. (Jamiat Ulama Altaf Kasganj)
मौलाना ने कहा कि भारत हमेशा से मानवाधिकारों की रक्षा का पैरोकार रहा है. ये उच्च मूल्य उसकी पहचान का हिस्सा हैं. अगर कोई सरकार इसे बनाए रखने में विफल रहती है. तो इससे बड़ी कोई असफलता नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि कासगंज में अल्ताफ के साथ जो कुछ किया गया और फिर उसे छिपाने की कोशिशें हुईं. वो शर्मनाक है. जमीयत, पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. और उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए लड़ेगी.
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जमीयत के महासचिव हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कासगंज पहुंचा. डीएम हर्षिता माथुर और एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे से मुलाकात की. अल्ताफ के घर भी पहुंचे. उनके पिता चांद मियां से मुलाकात की. जमीयत ने कहा कि चांद मियां ने उनका मुकदमा लड़ने की अपील की है. इसलिए जमीयत ने फैसला किया है कि वो उनका केस लड़ेंगे.
प्रतिनिधि मंडल में जमीयत के संयोजक मौलाना मुहम्मद यासीन जहाजी, डॉ. अजहर अली, मुफ्ती मुहम्मद खुबैब, कारी मुहम्मद राशिद आदि शामिल रहे. (Jamiat Ulama Altaf Kasganj)
कासगंज पुलिस ने 8 नवंबर को अल्ताफ को हिरासत में लिया था. और 9 नवंबर को उनकी मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि अल्ताफ ने अपनी जैकेट की डोरी के सहारे टोंटी में फांसी लगा ली. जबकि अल्ताफ के पिता चांद मियां ने कहा कि उनके बेटे को मारा गया है. अल्ताफ की मां अभी भी बेटे की हत्या किए जाने के आरोप पर अडिग हैं.
इस बीच पुलिस ने चांद मियां से ये इकरारनामा भी ले लिया कि, उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है. बेटा डिप्रेशन में था. इसलिए फांसी पर लटक गया. हालांकि बाद में चांद मियां ने इस इकरारनामे को खारिज कर दिया. और अब वो बेटे के लिए इंसाफ चाहते हैं.
अल्ताफ की मौत को लेकर पुलिस ने जो तर्क दिया है उस पर पहले से सवालों की झड़ी लगी है. लेकिन अब अल्ताफ से इकरारनामा लिए जाने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. और इस मौत की उच्च स्तरीय जांच की आवाज उठाई जा रही है.
आपको बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस संबंध में एक मात्र लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने न्यायिक जांच कराने की मांग की है. (Jamiat Ulama Altaf Kasganj)
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इस सबके बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हुई है. और कहा है कि अल्ताफ की मौत की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. चूंकि अल्ताफ का परिवार आर्थिक रूप से कानूनी लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है. इसलिए जमीयत उनका केस देखेगी.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद भी कासगंज पहुंचे और अल्ताफ के मां-पिता से बात की है. उन्होंने अल्ताफ के परिजनों को हर संभव मदद किए जाने का भरोसा दिलाया है.
दरअसल, पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कासगंज जाने की बात सामने आई थी. लेकिन बाद में कांग्रेस ने सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल कासगंज भेजा है.