द लीडर : जमीयत-उलमा-ए-हिंद ने मेधावी छात्रों की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप योजना का ऐलान किया है. 6 सितंबर तक आवेदन होंगे. बीटेक, बीई, एमटेक, एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बी-फार्मा, आर्किटेक्ट कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. (Jamiat Ulama Hind Scholarship)
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने 2020-21 की छात्रवृत्ति की घोषणा कर दी है. शर्त ये है कि प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को उससे पहले के कोर्स में कम ये कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना जरूरी हैं. आवेदन पत्र जमीयत के दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग दफ्तर पर जमा होगा.
बता दें कि जमीयत ने पिछले सत्र में 37.52 लाख रुपये की स्कॉलरशिप बांटी थी. ऐसे छात्रों को, जो मेधावी हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर भी. जमीयत उनकी तालीम में मदद के लिए ये मुहिम चला रही है.
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जरूरतमंद छात्र जमीयत की वेबसाइट पर अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं. मसलन, आवेदन पत्र के साथ कौन से दस्तावेज लगाने हैं. इसका पूरा ब्योरा दिया गया है. ( (Jamiat Ulama Hind Scholarship))
जमीयत उलमा-ए-हिंद समाज को तालीम की राह पर लाने के लिए लंबे समय से कोशिशों में लगी है. दीनी तालीम के साथ ही आधुनिक शिक्षा हासिल करने की भी दावत दी जा रही है. इसी दिशा में ये छात्रवृत्ति प्रोग्राम चलाया गया है.
कंप्टीशन क्वालिफाई करिए, फीस की चिंता छोड़िए
अगर आपमें कुछ करने का जुनून है. मेहनत करने की क्षमता-लगन. तो आर्थिक तंगी आपकी कमजोरी नहीं बन सकती. जमीयत के अलावा पैगाम-ए-इंसानियत जैसी तमाम संस्थाएं हैं, जो आपके ख्वाब पूरे कराने में मददगार बनने को तैयार हैं.
बरेली की पैगाम-ए-इंसानियत सिविल, मेडिकल, इंजीनियरिंग या दूसरे कंप्टीशन में सफल होने वाले गरीब छात्रों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाती है. मसलन, किसी छात्र ने नीट में सफलता प्राप्त कर ली. और दाखिला लेने भर की फीस नहीं है. तो पैगाम-ए-इंसानियत की टीम के कोई न कोई मेंबर उस उस छात्र को स्पांसर कर लेते हैं. और उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते हैं. (Jamiat Ulama Hind Scholarship)
हाल ही में एमबीबीएस के एक छात्र के वालिद का इंतकाल हो गया. आर्थिक तंगी आड़े आई. तो पैगाम-ए-इंसानियत ने छात्र की पढ़ाई की जिम्मेदारी ले ली.
उच्च शिक्षा हासिल करने वाले मेधावी छात्रों की ये संगठन भरपूर मदद कर रहा है. इसी तरह प्राथमिक और मिडिल क्लास के यतीम और गरीब छात्रों की भी, उनकी काबिलियत के आधार पर मदद की जा रही है.
बरेली में हमदर्द स्टडी सर्किल का एंट्रेंस सेंटर
हमदद फाउंडेशन का हमदर्द स्टडी सर्किकल है. जहां नीट, सिविल और दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जाती है. बरेली में इस कोचिंग के एंट्रेंस का कोई सेंटर नहीं था.
लेकिन पैगाम-ए-इंसानियत की कोशिशों के बाद ये सेंटर खुल गया है. हमदर्द स्टडी सर्किल की वेबसाइट पर जाकर 17 सितंबर तक एंट्रेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. और 26 सितंबर को एंट्रेंस होगा. (Jamiat Ulama Hind Scholarship)