द लीडर : जमीयत उलमा-ए-हिंद इंजीनियरिंग और मेडिकल की मुफ्त कोचिंग शुरू करने जा रहा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, हम 100 बच्चों को फ्री में पढ़ाएंगे. ये प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो भविष्य में सिविल सेवा की कोचिंग भी चालू करेंगे. जो भी गरीब बच्चे पढ़ने में होशियार हैं और डॉक्टर-इंजीनियर बनना चाहते हैं. उनके लिए ये एक शानदार मंच होगा.
जमीयत उलमा-ए-इस्लाम दीनी और दुनिया दोनों तालीम पर फोकस कर रही है. इसी कड़ी में आइआइटी और नीट कोचिंग सेंटर चालू करने की योजना बनाई है. मदनी ने कहा कि बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी है? इस आधार पर उनकी मदद की जाएगी.
जमीयत की दो विंग हैं. मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व वाला संगठन पहले से ही मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप भी दे रहा है. जबकि अरशद मदनी कोचिंग की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं.
जमीयत उलमा-ए-हिंद भारत में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था है, जो मजहबी तालीम के लिए काम करती रही है. लेकिन अब इसने आधुनिक शिक्षा को अपने एजेंडे में प्रमुखता से शामिल किया है. यही वजह है कि इंजीनिरिंग, डॉक्टर, विधि की पढ़ाई करने की ख्वाहिश करने वाले छात्रों को ये मदद पहुंचाने की कोशिश में है.
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मौलाना अरशद मदनी जाने-माने स्कॉलर हैं. मुस्लिम समाज के पीड़ितों की आवाज को ताकत के साथ उठाते हैं. पिछले महीने ही मुजफ्फनगर 2013 के दंगा पीड़ितों को नए मकानों की चाबियां सौंपे थे. यानी दंगों में जिनके घर-बार तबाह हो गए थे. जमीयत ने ऐसे लोगों को मकान बनवा कर दिए हैं.