द लीडर : जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMI) की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने ईद-उल-फित्र की मुबारकबाद के साथ छात्र-प्रोफेसर और कर्मचारियों के नाम एक संदेश जारी किया है. जो काफी भावनात्मक है. इसलिए क्योंकि पिछले सालभर से महामारी के कारण कैंपस बंद हैं. इस अंतराल में कई प्रोफेसर, पुरातन छात्र और कर्मचारियों की कोविड से मौत हो चुकी है. कुलपति ने कहा कि यकीनन ये मुश्किल वक्त है. लेकिन आशावादी रहें-अच्छे दिन आने वाले हैं.
कुलपति ने छात्रों से आह्वान किया है कि हमारे देश-दुनिया को एकजुटता की जरूरत है, सहानुभूति और दया की. हम अल्लाह से दुआ करें कि हमारे जो भाई-बहन, देशवासी इस महामारी की जद में हैं और उनका इलाज चल रहा है. वे जल्द सेहतमंद हों. इस मुश्किल समय में हम सब साथ हैं.
Eid-ul-Fitr message from Prof. Najma Akhtar for students, teachers and non-teaching staff of the @jmiu_official and their families. She instills confidence and asks everyone to be optimistic..better days are on their way. @PMOIndia @DrRPNishank @EduMinOfIndia @ugc_india pic.twitter.com/sWlJsDTwYX
— Jamia Millia Islamia (NAAC A++ Grade Central Univ) (@jmiu_official) May 13, 2021
कुलपति ने कहा कि पिछले एक साल से हम अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. अनिश्चितता और चिंता हमारी रोजाना की जिंदगा का हिस्सा बन चुकी है. लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टैंसिंग से अकादमिक और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित है. इससे जामियां भी काफी प्रभावित हुआ है, जिसने कई कीमती जानें गंवाई हैं.
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हम काफी दुखी हैं. हमने अपने कई साथियों को खोया है. जिसमें प्रोफेसर, कर्मचारी और पुरातन छात्र शामिल हैं. ईद के इस मौके पर हमारी दुआएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है. हममें से हर एक जामिया बिरादरी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. और जिन्हें हमने खोया है-उनकी भरपाई कभी नहीं हो सकती. लेकिन हम उन्हें अपनी यादों में बनाए रखने का हरसंभव प्रयास करेंगे. और उनके परिवार की मदद करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस अनिश्चितकाल में योजनाएं बनाना भी काफी जटिल हो गया है. संकट की इस घड़ी में यूनिवर्सिटी ने एक मकसद को दिमाग में रखा है. वो ये कि कोई भी छात्र अपना ये कीमती सेमेस्टर या साल न गंवाने पाए, जो उनके अकादमिक जीवन का सबसे कीमती हिस्सा है. यूनिवर्सिटी ने टेक्नोलॉजी के माध्यम से नए नॉर्म्स बनाए हैं, ताकि स्टूडेंट्स अपना कोर्स पूरा कर सकें. और समय पर अपनी डिग्री हासिल कर सकें.
इस संकट के बीच भी विश्वविद्यालय ने कई पीएचडी वायवा और टीचर्स रिफ्रेशर प्रोग्राम कराए. और सैकड़ों वेबिनार आयोजित किए हैं. जामिया मिल्लिया ने डॉ. अंसारी हेल्थ सेंटर के सहयोग से कई कोविड-फ्री वैक्सीनेशन कैंप लगवाए हैं. जिसमें जामिया के सैकड़ों कर्मचारियों ने वैक्सीन लगवाई. जिला स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से निश्शुल्क आरटी-पीसीआर कैंप भी आयोजित कराए.
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नजमा अख्तर ने कहा कि यकीनन हम मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं. जिसमें हर किसी के तमाम कड़वे अनुभव हैं. लेकिन उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सबकुछ सामान्य होगा. और हम सभी दोबारा कैंपस में मिलेंगे. और अपने मकसद में जुटेंगे. सकारात्मक रहें.