”इस सरकार में मुसलमानों का जीना मुश्किल”, उर्से रजवी से पैगंबर मुहम्मद ﷺ कानून की उठेगी देशव्यापी आवाज

द लीडर : नबीरे आला हजरत मौलाना तौसीफ रजा खां ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम के साथ किसी दूसरे मजहब के पेशवा-रहनुमा की शान में हरगिज भी कोई गुस्ताखी न होने पाए. इसलिए रजा एकेडमी ने जो तहफ्फुज ए नामूसे रिसाल बिल की तहरीक चलाई है. हुकूमत से हमारी दरख्वास्त है कि वो इस पर विचार करके कानून बनाए. और इसमें कम से कम 7 से 10 साल की सजा का प्रावधान हो. ताकि कोई सिरफिरा किसी भी धर्मगुरु के खिलाफ गलतबयानी की जुर्रत न कर सके. (Prophet Muhammad Urse Razvi )

मुफ्ती-ए-आजम हिंद के 41वें उर्स-ए-नूरी के मौके पर रजा एकेडमी ने सोमवार को दरगाह आला हजरत परिसर में उलमा की एक कांफ्रेंस की. इसमें आला हजरत से जुड़े कई मदरसों के आलिम हाजिर हुए. एक सुर में कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम की तौहीन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है.

हाल के दिनों में आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ जाती हैं, जिसमें कुरान और पैगंबर-ए-इस्लाम के बारे में बेतुकी बातें बोल दी जाती हैं. इसलिए आमराय है कि इस पर सख्त कानून बनाया जाए. (Prophet Muhammad Urse Razvi )


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नबीरे आला हजरत मौलाना तौसीफ रजा ने कहा कि सभी मुसलमान एक मंच पर एकजुट हों. हुकूमत से मांग रखें कि तहफ्फुज-ए-नामूसे रिसालत कानून बनाया जाए. फिर जो भी किसी धर्म के रहनुमा की तौहीन करे. उसे सख्त सजा मिले. खानकाहे रजविया की तरफ से सरकार से ये मांग है.

मौलाना तौसीफ रजा ने कहा कि अभी जो कानून है. उसमें सजा बेहद कम है. इसलिए आरोपी बच जाते हैं. सख्त सजा का प्रावधान होगा तो ऐसी घटनाएं थमने लगेंगी. क्योंकि लोगों में कानून का भय होगा. (Prophet Muhammad Urse Razvi )

रजा एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने कहा कि आला हजरत के उर्से रजवी के मौके पर उलमा की एक कांफ्रेंस होगी. जिसमें पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में होने वाली गुस्ताखी पर चर्चा की जाएगी. कांफ्रेंस से उलमा ये मैसेज लेकर अपने जिलों-राज्यों में जाएंगे. और अपने-अपने क्षेत्रों में कानून बनाए जाने की आवाज उठाएंगे.

सईद नूरी ने कहा कि जानबूझकर और साजिशन भी ऐसी घटनाएं की और कराई जाती हैं. इसका सियासी फायदा है. इसे पूरी तरह से सियासी घटनाक्रम भी कह सकते हैं. याद करें, 2014 से पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. लेकिन उसके बाद के सालों में यानी जब से ये नई सरकार आई है. (Prophet Muhammad Urse Razvi )


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तब से मुसलमानों का जीना मुश्किल हो गया है. पहले उनके बुजुर्गों को निशाना बनाया गया. और अब पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी की जा रही है. ये मुसलमानों के लिए नाकाबिले बर्दाश्त है. इसलिए सरकार इस पर सख्त कानून बनाए.

हाल ही में नरसिंहानंद सरस्वती, पिंकी चौधरी समेत कुछ अन्य लोगों ने पैगंबर-ए-इस्लाम और इस्लाम धर्म को लेकर आपत्तिजनक बातें कही हैं. जिनके वीडियो भी वायरल हुए और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें भी दर्ज कराई गईं. लेकिन इनके विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

इससे मुस्लिम समाज के एक हिस्से में बेचैनी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि रजा एकेडमी पिछले करीब एक साल से कानून बनाए जाने की मांग उठा रही है. इसको लेकर महाराष्ट्र, राजस्थान सरकार को मांग पत्र भी दे चुकी है. (Prophet Muhammad Urse Razvi )

Ateeq Khan

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