द लीडर हिंदी : ईरान में न्याय पालिका प्रमुख व कट्टर रूढिवादी इब्राहिम रईसी अगस्त में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालेंगे. सत्ता परिवर्तन के चलते इस समय सभी देशों खासकर अमेरिका की निगाह ईरान की ओर है.
नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अमेरिका के प्रति रुख को लेकर अभी तक तमाम कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन 60 साल के रईसी ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस से यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका को लेकर ईरान का नजरिया बदलने वाला नहीं है.
रईसी ने कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलना नहीं चाहते हैं. उलटा, अमेरिका पर ही परमाणु समझौते का उल्लंघन करने के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन ने परमाणु समझौते से संबंधित अपनी प्रतिबद्धताआें को पूरा नहीं किया.
ईरान से सभी प्रतिबंध हटाए अमेरिका
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रईसी जब चुनाव जीतने के बाद पहली बार पत्रकारों से बातचीत करने आए तो कहा कि, ईरान की विदेश नीति सिर्फ परमाणु समझौते को लेकर नहीं होगी, हम दुनिया के साथ बात करेंगे. मैं अमेरिका से आग्रह करता हूं कि वह परमाणु समझौते को लेकर अपनी सभी प्रतिबद्धताएं पूरी करें और ईरान पर लगे सभी प्रतिबंध हटा ले.’
सामूहिक फांसी पर तोड़ी चुप्पी
जब पत्रकारों ने वर्ष 1988 में करीब पांच हजार लोगों को सामूहिक फांसी पर लटकाए जाने में उनकी भूमिका के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद को मानवाधिकारों का रक्षक बताया. बता दे कि रईसी उस चार सदस्यीय स्पेशल कमीशन के सदस्य थे, जिसने इराक युद्ध के राजनीतिक कैदियों को फांसी की सजा सुनाई थी. अमेरिका ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए रईसी पर प्रतिबंध भी लगा रखा है.
ट्रंप की वजह से बढ़ा था तनाव
वर्ष 2015 में अमेरिका समेत दुनिया भर के छह महाशक्तिशाली देशों के साथ ईरान ने परमाणु समझौता किया था. लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2018 में परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था. यही नहीं, तेहरान पर कई सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे. जिससे ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया था.
अब एक बार फिर से परमाणु समझौते के लिए सभी देशों के राजनायिक अप्रैल से बैठक कर रहे हैं. हालांकि, अभी तक इसे लेकर उनमें सहमति नहीं बन पाई है. कुछ बिंदुओं का समाधान किया जाना शेष रह गया है.
सुप्रीम लीडर के बेहद खास है रईसी
ईरान में शुक्रवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में रईसी ने भारी मतों से जीत हासिल की थी. वह मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह अगस्त से सत्ता संभालेंगे.
रईसी ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के बेहद करीबी हैं. चुनाव में भी उन्हें सुप्रीम लीडर का समर्थन मिला था. रईसी कट्टर रुढिवादी है और उन्हें खामनेई का राजनीतिक वारिस भी माना जा रहा है.