नई दिल्ली : आयकर विभाग (इनकम टैक्स) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कथित बेनामी संपत्ति मामले की जांच तेज कर दी है. मंगलवार को लगातार दूसरे दिन दोपहर को अधिकारी उनके बयान दर्ज करने घर पहुंचे हैं. इससे पहले सोमवार को वाड्रा के दफ्तर पर करीब 8 घंटे तक बयान दर्ज करने की प्रक्रिया चली थी.
सोमवार की पूछताछ के बाद वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया था कि, ‘मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. हम यहां सहयोग करने आए हैं. मैंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं. बेनामी संपत्ति से जुड़ा कोई सवाल नहीं था. मैं हमेशा सहयोग करूंगा.’
‘अगर प्रियंका गांधी घर के बाहर निकलेंगी और किसानों के हक की लड़ाई में उनका साथ देंगी या जनहित के अन्य मुद्दों के साथ होंगी तो वे क्या करेंगे? वे रॉबर्ट वाड्रा के पीछे आएंगे, हर कोई यह बात जानता है.’ रॉबर्ट वाड्रा ने ये बात आज आयकर विभाग द्वारा उन्हें पूछताछ किये जाने के बाद पत्रकारों से कही.

लंदन की करीब 12 मिलियन पाउंड की संपत्ति से जुड़े एक मामले में जांच चल रही है. कथित रूप से ये संपत्ति वाड्रा की बताई जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2018 में ये मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू की थी. तब वाड्रा ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया था.
Delhi: Income Tax Department officials reach Robert Vadra's residence. pic.twitter.com/bC3HQYTldW
— ANI (@ANI) January 5, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक आयकर विभाग ने इस मामले में बयान दर्ज करने को लेकर पहले ही वाड्रा को समन जारी किया था. हालांकि तब उन्होंने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए बयान दर्ज कराने में असमर्थता जताई थी. दरअसल, पिछले साल जुलाई में ईडी ने शस्त्र डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जो वाड्रा के करीबी माने जाते हैं.
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अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 में ईडी ने वाड्रा के विरुद्ध मनी लॉड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था. इसमें आरोप था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने राजस्थान के बीकानेर में ग्रामीण पुनर्वास भूमि का अधिग्रहण किया था. करीब 69.55 हेक्टयर भूमि को सस्ती दर पर खरीदा और बाद में इसे बचे दिया था. सितंबर 2018 में गुड़गांव भूमि सौदों में कथित रूप से अनियमितता के आरोप में हरियाण के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वाड्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया था.