द लीडर. अंतिम टेस्ट मैच गंवाने के साथ भारत सीरिज भी हार गया. साउथ अफ्रीका ने फ्रीडम ट्राफी पर 2-1 से अपने नाम कर ली. ऋषभ पंत की मेहनत पर पानी फिर गया. विपरीत परिस्थितियों में उनका नबाद शतक बेकार चला गया. भारत की हार की दो बड़ी वजहें रहीं. (India Lost Match Capetown)
एक तो स्लिप में चेतेश्वार पुजारा के हाथों कीगन पीटरसन का बहुत ही आसान कैच गिर गया. दूसरे 37वें ओवर में मुहम्मद शमी की गेंद पर वान डेर डूसेन आउट थे और अल्ट्रा-एज के पुष्टि करने के बावजूद तीसरे अंपायर ने डीआरएस को नकार दिया गया. इसे लेकर कप्तान कोहली ने फील्ड अंपायर के पास जाकर नाराज़गी जताई और डूसेन पर भी टिप्पणी की.
अगर पुजारा के कैच टपकाने और अंपायर के एक खराब फैसले को छोड़ दें तो भारतीय गेंदबाज़ों का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा. जिस सटीक लाइन-लेंथ से अफ्रीकी पेसर ने गेंदबाज़ी की, वैसा मुहम्मद शमी, जसप्रीत बुमरा, उमेश यादव और शर्दुल ठाकुर नहीं कर सके. (India Lost Match Capetown)
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रविंद्रन अश्विन को तो दोनों पारियों में एक भी विकेट नहीं मिला. साउथ अफ्रीकी स्पिनर महाराज ज़रूर पहली पारी में शर्दुल को आउट करने में सफल रहे. केपटाउन की पिच पर चौथी बार 200 से ज़्यादा रन चेज़ हो गए. साउथ अफ्रीका ने 3 विकेट के नुक़सान पर जीत हासिल कर ली.
कैच छोड़ने के साथ पुजारा बल्लेबाज़ी में भी कुछ ख़ास नहीं कर सके. उन्हीं के जैसा हाल अजिंक्य रहाणे का रहा. दोनों का यह प्रदर्शन सलेक्टर के लिए फिक्र का सबब ज़रूर बनेगा. कमज़ोर कड़ी के तौर उनका टीम से जुड़े रहना संभव नहीं दिखता. ख़ैर भारत ने तमाम भविष्यवाणी के बीच सीरिज़ जीतने का मौक़ा गंवा दिया.
इस टेस्ट में अपने प्रदर्शन से ऋषभ पंत ने यह बताने की सटीक कोशिश की कि वह भारतीय टीम का सुनहरा भविष्य हैं. असीमित उछाल वाली पिच पर उनका दूसरी पारी में नाबाद शतक लंबे समय तक क्रिकेट प्रेमियों को याद रहेगा. फ्रीडम सीरिज के अंतिम टेस्ट में पंत का यह इकलौता शतक था. (India Lost Match Capetown)