द लीडर : उत्तर प्रदेश में रुहेलखंड के सबसे नामवर-बरेली कॉलेज में घोटाले की परतें खुलने लगी हैं. क्राइम ब्रांच ने कॉलेज प्रबंधन के उपाध्यक्ष काजी अलीमुद्दीन को हिरासत में लिया है. और प्रबंध समिति के अध्यक्ष देव मूर्ति, पूर्व प्राचार्य के ठिकानों पर दबिश दी है. कॉलेज में करोड़ों रुपये के वित्तीय अनिमितता की जांच पिछले तीन साल से जारी थी.
शुरुआत में बरेली कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध था, फिर आगरा विश्वविद्यालय और अब एमजेपी रुहेलखंड यूनविर्सिटी से संबद्ध है. साल 2018 में तत्कालीन कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने एक शिकायत पर कॉलेज में जांच कराई थी. जिसमें वित्तीय गड़बड़ी सामने आई थी. कमिश्नर के निर्देश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
साल 2019 में पुलिस ने ये जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी. तब से क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सुरेंद्र कटियार के नेतृत्व में घोटाले के सबूत खंगाले जो रहे थे. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक कई स्तर पर तथ्यों को जांचा और परखा गया. निर्माण से जुड़ी एजेंसियों की मदद ली गई. जिसमें ये सामने आया है कि परीक्षा भवन समेत अन्य मामलों में वित्तीय गड़बड़ी हुई है.
सोमवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रबंध समिति में शामिल तत्काल पदाधिकारी और कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों को गिरफ्तारी के लिए दबिश दी. काजी अलीमुद्दीन गिरफ्तार हो गए हैं, जबकि अन्य लोग पुलिस के हाथ नहीं आए.
बरेली पुलिस ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें घोटाले और अलीमुद्दीन को हिरासत में लिए जाने का जिक्र किया है, लेकिन अन्य आरोपियों के नाम शामिल नहीं हैं.
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सुरेंद्र कटिरयार ने बताया कि काजी अलीमुद्दीन को हिरासत में लिया है. प्रबंध समिति के अध्यक्ष देव मूर्ति और पूर्व प्राचार्य की तलाश में दबिश दी गई है, जल्द ही उन्हें भी हिरासत में लिया जाएगा.