द लीडर। शासन ने मनरेगा योजना इसलिए शुरू की थी, जिससे मजदूरों को काम मिल सके और वह काम करके पैसा लेकर अपने परिवार का भरण पोषण कर सके, लेकिन जालौन में मनरेगा मजदूरों के हक पर ग्राम प्रधान डाका डालने में लगे है, जिससे मजदूर काम के लिए परेशान घूम रहा है। प्रधान कोई भी काम हो उसे मनरेगा मजदूरों से न कराकर मशीनों द्वारा करा रहे हैं।
रात के अंधेरे में जेसीबी से करा रहे तालाब की खुदाई
ताजा मामला जालौन के कोंच विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सिकरी ग्राम का है। यहां तालाब का जीर्णोद्धार निर्माण कराया है, जिसमें मनरेगा मजदूरों से तालाब की खुदाई कराने के आदेश जालौन की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने ग्राम प्रधानों को दिए थे, लेकिन ग्राम प्रधान मनरेगा मजदूरों से दिन में काम न कराकर रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से तालाब की खुदाई करा रहे हैं।
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इतना ही नहीं ग्रामीणों व मनरेगा मजदूरों द्वारा जब इसका विरोध किया जाता है, तो प्रधान दबंगई दिखाकर उन्हें डराने धमकाने का काम करते है। ऐसा ही नजारा बुधवार की रात को ग्राम सिकरी में देखने को मिला, यहां पर तालाब का निर्माण किया जाना है, जहां पर ग्राम प्रधान पीपी निरंजन ने तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से करानी शुरू कर दी, इसकी जानकारी मनरेगा मजदूर और ग्रामीणों को हुई, वह इसका विरोध करने तालाब पहुंच गए।
मजदूरों और ग्रामीणों ने किया विरोध
विरोध बढ़ता देख रात के अंधेरे में ही प्रधान पीपी निरंजन ने तत्काल काम रोककर जेसीबी और ट्रैक्टरों को हटाने का प्रयास किया, ट्रैक्टर तो प्रधान ने हटवा दिए मगर तालाब में खुदाई कर रही जेसीबी ग्रामीणों विरोध के कारण नहीं हटाई जा सकी।
मनरेगा के तहत काम करने वाले सिकरी ग्राम के मजदूर भानु प्रकाश, मंगल सिंह और ग्रामीण राम बाबू का कहना है कि, ग्राम प्रधान पीपी निरंजन दबंगई दिखाते हैं और वह अपने चहेतो की सुबह फोटो खिंचवाकर उसे अधिकारियों के पास भेजकर यह दिखाते है कि, मनरेगा मजदूरों से तालाब की खुदाई करा रहे हैं।
मगर असली सच तो यह है कि, रात के अंधेरे में 10 बजे के बाद ग्राम प्रधान सिकरी में बनने वाले तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन और ट्रैक्टरों के जरिए करवा रहे हैं और यह काम पिछले 1 हफ्ते से अधिक समय से रात के अंधेरे में ही कराया जा रहा है।
शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई
वहीं जब इसकी शिकायत अधिकारियों से भी की तो कोई भी अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मनरेगा मजदूर और ग्रामीणों का कहना है कि, प्रधान उनको मनरेगा के तहत काम न देकर सिर्फ जेसीबी से ही गांव में बनने वाले तालाब की खुदाई कराकर मिट्टी को बेचने में लगे हैं।
इस मामले में ग्राम प्रधान पीपी निरंजन से बात की तो उन्होंने पहले जेसीबी से खुदाई कराने वाली बात से साफ मनाकर दिया, मगर ग्रामीणों का विरोध बढ़ता देख, उन्होंने कहा कि वह ग्राम में धार्मिक जगह पर मिट्टी डलवा रहे है, इसीलिए खुदाई जेसीबी से करा रहे है।
मामले की जांच कराई जाएगी- डीएम
वहीं इस मामले में जालौन की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि, जिस जगह तालाब का निर्माण कराया जा रहा है वहां पर यह प्रदर्शित करना पड़ता है कि, काम किसके तहत और किस योजना के अनुसार कराया जा रहा है यदि प्रधान द्वारा यह प्रदर्शित नहीं किया गया है पुलिस मामले की जांच कराई जाएगी उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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