द लीडर हिंदी: भारत के साथ साथ पाकिस्तान में भी राजनीति चरम पर दिखाई दे रही है .चुनाव से पहले भारत के साथ साथ पाक में भी राजनीतिक तूफान आ चुका है. बतादें अभी हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी को तोशाखाना मामले में अदालत ने 14 साल की जेल की सजा सुनाई थी. लेकिन अब इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के आम चुनाव से कुछ दिन पहले ही बड़ा झटका लगा है.
दरअसल इमरान खान के करीबी सहयोगी और उनकी सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी के चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है. कुरैशी को बीते दिनों गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. ऐसे में अब पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक वे पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
कुरैशी के पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक
पाकिस्तान की स्पेशल कोर्ट ने बीते दिनों गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी को दोषी मानते हुए 10-10 साल जेल की सजा सुनाई थी. अब कोर्ट के उस फैसले को आधार बनाते हुए पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कुरैशी के पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है.
चुनाव आयोग ने बयान में कहा कि मखदूम शाह महमूद कुरैशी को पाकिस्तान के संविधान के तहत चुनाव कानून के अनुच्छेद 63(1) के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है. बता दें आगामी 8 फरवरी को कुरैशी होने वाले आम चुनाव में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
रैली के दौरान गोपनीय दस्तावेज लीक करने का दोष
शाह महमूद कुरैशी और इमरान खान पर बीते साल एक रैली के दौरान गोपनीय दस्तावेज लीक करने का दोषी पाया गया था. दरअसल कूटनीतिक चैनल के एक खत को इमरान खान ने रैली में लहराया था और दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए अमेरिका से साजिश रची जा रही है.
उस वक्त शाह महमूद कुरैशी पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे. इस मामले में इमरान खान को भी 10 साल जेल की सजा हुई है. इमरान खान को अब तक कुल चार मामलों में सजा हो चुकी है.ठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. उससे पहले पीटीआई का आरोप है कि उनकी पार्टी और इसके समर्थकों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें निष्पक्ष तरीके से चुनाव नहीं लड़ने दिया जा रहा है.