ज्ञानवापी के बाद ‘ताज’ पर गिरी गाज, हिन्दू महासभा ने कोर्ट का किया रुख़

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द लीडर हिंदी: ज्ञानवापी मामले की बीच एक और मुद्दा कूद पड़ा है. अब ताजमहल पर गाज गिरी है.ताजमहल में ‘उर्स’ मनाने पर पाबंदी की मांग की गई है. बता दें उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल में मुग़ल शासक शाहजहाँ का सालाना उर्स मनाने के विरुद्ध आगरा के एक न्यायालय में याचिका डाली गई है.

हिन्दू महासभा ने कहा है कि ताजमहल में होने वाले उर्स के लिए सरकार की अनुमति नहीं है, फिर भी इसका आयोजन किया जा रहा है.अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं मीना देवी दिवाकर और सौरभ शर्मा ने शुक्रवार (2 फरवरी, 2024) को आगरा के जिला न्यायालय के समक्ष एक याचिका लगाई. इसमें आगामी 6-8 फरवरी के बीच ताजमहल में होने वाले शाहजहाँ के उर्स पर रोक लगाने की माँग की गई है.

बतादें 6-8 फरवरी के बीच आगरा की ताजगंज कमिटी मुग़ल शासक शाहजहाँ की मौत का 369वाँ उर्स मनाएगी. इस्लाम का सूफी मत मानने वाले उर्स का आयोजन किसी बड़ी हस्ती की बरसी पर करते हैं. आगरा के ताजमहल में इसका आयोजन ताजगंज कमिटी के सैयद इब्राहिम जैदी करवा रहे हैं.

इब्राहिम जैदी को हिन्दू कार्यकर्ताओं ने इस याचिका में प्रतिवादी बनाया है.वही हिन्दू पक्ष का कहना है कि ताजमहल ASI संरक्षित है. इसके अंदर उर्स मनाने के लिए अनुमति ASI से नहीं ली गई है. उनका कहना है कि ASI के उर्स को अनुमति ना देने के सम्बन्ध में उन्हें एक RTI से जानकारी हासिल हुई है.

हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि इस उर्स का आयोजन करवाने वाले जैदी का किसी भी प्रकार से ताजमहल से कोई सम्बन्ध नहीं है. ना ही वह ताजमहल में कर्मचारी हैं और ना ही वह स्मारक से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. ऐसे में उनके उर्स आयोजित करने का कोई तुक नहीं बनता है.

इस मामले में याचिकाकर्ता सौरभ शर्मा और हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष ने कहा है कि ASI संरक्षित स्मारकों में कोई मजहबी काम नहीं हो सकते हैं, ऐसे में यह उर्स अवैध मनाया जाना है. हिन्दू महासभा ने इस उर्स के दौरान ताजमहल में प्रवेश निशुल्क किए जाने को भी चुनौती दी है.

वही अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट के मुताबीक न तो मुगलों, न ही अंग्रेजों और न ही कभी केंद्र सरकार ने ताज महल परिसर के अंदर उर्स की इजाजत दी थी.अदालत ने इस मामले में उर्स आयोजन समिति को नोटिस देते हुए दो दिन में जवाब मांगा है.

वही महासभा के अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि महासभा ने चतुर्थ एडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायमूर्ति गरिमा सक्सेना की अदालत में यह याचिका दाखिल की, जिस पर विद्वान न्यायाधीश ने अमीन नियुक्त करते हुए जवाब तलब किया है.

गौरतलब है कि ताजमहल में छह से आठ फरवरी तक शाहजहां का 369वां उर्स होना है. इसके लिए तैयारी भी जारी है. इन तीन दिनों में शाहजहां और मुमताज की असली कब्रें भी देखने के लिए खोली जाती हैं. लाखों लोग उर्स के दौरान ताजमहल में पहुंचते हैं. उर्स के दौरान कई सौ मीटर की चादर चढ़ाई जाती है